कीर्तन, कला और करतब... पंजाब में होला मोहल्ला की धूम, PHOTOS में देखें पंजाबी कैसे मनाते हैं जश्न
पंजाब में होला मोहल्ला का पर्व सिख समुदाय के लोग बड़ी ही धूमधाम से मना रहे हैं। लगातार तीन दिन तक चलने वाले इस पर्व के दिनों में लोग गुरुद्वारे में कीर्तन करते हैं और करतब व अन्य कला का प्रदर्शन करते हुए बड़े ही उत्साह के साथ पर्व मनाते हैं। आइए तस्वीरों में देखते हैं कि यह उत्सव कैसे मनाया जाता है।

डिजिटल डेस्क, अमृतसर। पंजाब में इस समय होला मोहल्ला की धूम है। सिख समुदाय के लोग इस त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से मना रहे हैं। लगातार तीन दिन तक चलने वाले इस पर्व के दिनों में लोग गुरुद्वारे में कीर्तन करते हैं और करतब व अन्य कला का प्रदर्शन करते हुए बड़े ही उत्साह के साथ पर्व मनाते हैं। इस बार होला मोहल्ला महोत्सव 14 से लेकर 17 तारीख तक मनाया जा रहा है। पंजाब में यह त्योहार कैसे मनाया जाता है। आइए, तस्वीरों में देखें...
होला मोहल्ला के अवसर पर श्री गुरु सिंह सभा द्वारा पुरातन मर्यादा अनुसार, श्री अकाल तख्त साहिब से पांच सिंह साहिबों व सुरमई निशान साहिब की अगुवाई में नतमस्तक होते हुए श्रद्धालु। (फोटो: राघव शिकारपुरिया)
अमृतसर में होला मोहल्ला के मौके पर श्री गुरु सिंह सभा द्वारा पुरातन मर्यादा अनुसार श्री अकाल तख्त साहिब से सजाए महल्ले के दौरान गतके का प्रदर्शन करते हुए निहंग सिंह। (फोटो: राघव शिकारपुरिया)
अमृतसर... होला मोहल्ला के अवसर पर श्री गुरु सिंह सभा द्वारा पुरातन मर्यादा अनुसार श्री अकाल तख्त साहिब से सजाए महल्ले के दौरान एक दूसरे को रंग लगाते हुए निहंग सिंह (फोटो: राघव शिकारपुरिया)
फोटो: अमृतसर में होला मोहल्ला के अवसर पर करतब दिखाते सिख (फोटो: राघव शिकारपुरिया)
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और उनकी पत्नी गुरप्रीत कौर ने शुक्रवार को होला मोहल्ला के उत्सव के दौरान यहां तख्त श्री केसगढ़ साहिब में मत्था टेका।
इस अवसर पर रूपनगर जिले के आनंदपुर साहिब में सिखों के प्रमुख तख्त पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि होला मोहल्ला त्योहार 10वें सिख गुरु गोबिंद सिंह की महान विचारधारा और कल्याण (चारदी कला) की अमर भावना को जगाने के प्रयास का प्रतीक है।
फोटो: अमृतसर में होला मोहल्ला के अवसर पर हरमंदिर साहिब में मौजूद सिख (फोटो: राघव शिकारपुरिया)
सीएम ने कहा था कि पर्व के मौके पर कहा था कि पंजाब में समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, सांप्रदायिक सद्भाव, शांति और भाईचारे का आदर्श मिश्रण है। उन्होंने कहा कि वह कामना करते हैं कि हर गुजरते दिन के साथ राज्य में सामजिक तानाबाना और मजबूत हो। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि ‘वाहेगुरु’ के आशीर्वाद से पंजाब हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व करता रहेगा।
होला मोहल्ला के अवसर पर नारंगी वस्त्रों में सिख (फोटो: राघव शिकारपुरिया)
बता दें कि गुरु गोविंद सिंह ने 1701 के वसंत में होला मोहल्ला की स्थापना की थीं। वहीं कोल (1994) की माने तो गुरु गोविंद सिंह ने अपने अनुयायियों को होली खेलने के लिए आनंदपुर साहिब आमंत्रित किया था। इस अवसर पर होली के साथ-साथ अनुयायियों को युद्धाभ्यास भी कराना था। इस दिन सभी लोग गुरुद्वारे में कीर्तन भी करते हैं।
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