Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कई कर्मी मतदान से वंचित, अब बैलेट पेपर भेज प्रशासन करवाने लगा वोटिंग

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 23 Feb 2022 11:00 AM (IST)

    इस बार जिले में 65.84 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि 2017 में यह 71.35 फीसद रहा था।

    Hero Image
    कई कर्मी मतदान से वंचित, अब बैलेट पेपर भेज प्रशासन करवाने लगा वोटिंग

    नितिन धीमान, अमृतसर: इस बार जिले में 65.84 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि 2017 में यह 71.35 फीसद रहा था। इस बार मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाने वाले दो हजार के करीब स्वास्थ्य कर्मी प्रफार्मा देने के बावजूद अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब जिला प्रशासन ने उन कर्मियों के घरों म ंपोस्टल बैलेट पेपर भेजने शुरू किए हैं जिन्होंने वोट के लिए आवेदन किया ता। बैलेट पेपर के जरिए मतदान कर ये कर्मचारी गजटेड आफिसर के हस्ताक्षर के बाद रिटर्निंग आफिसर को डाक के जरिए भेजेंगे। दूसरी तरफ जिन कर्मचारियों ने 19 तारीख को आवेदन नहीं किया वे वोट नहीं दे पाएंगे।

    दरअसल, कोरोना महामारी के चलते पहली बार सरकार ने आशा, एएनएम, मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर, एलएचवी, एसआइ, दर्जा चार व आरबीएसके कर्मियों को मतदान केंद्रों मे तैनात किया था। मतदाताओं के हाथ सैनिटाइज करने से लेकर, मास्क, ग्लब्ज पहनाने व थर्मल स्कैनिग का जिम्मा इन पर था। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया था कि सभी स्वास्थ्य कर्मी मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे, पर ऐसा हुआ नहीं। अमृतसर के सभी सात ब्लाकों के कर्मचारी 20 फरवरी को सुबह छह से सात बजे के मध्य मतदान केंद्रों में पहुंच गए। इनके बाद मतदाताओं का हुजूम उमड़ आया। ऐसे में ये स्वासथ्य कर्मी पूरा दिन ड्यूटी पर व्यस्त रहे। कुछ कर्मचारियों ने ड्यूटी के बीच 'फरलो' मारी और अपने पोलिग बूथ में जाकर मतदान किया।

    स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि सभी ब्लाकों के एसएमओ ने 19 फरवरी को एक प्रफार्म वाट्सएप ग्रुप में भेजा था। यह प्रफार्मा भरकर प्रीजाइडिग आफिसर तक भेजना था। स्वास्थ्य कर्मी जब यह प्रफार्मा लेकर प्रीजाइडिग आफिसर के पास पहुंचे तो उन्हें जवाब मिला कि आपकी वोट जिस मतदान केंद्र का है, वहीं जाकर दें। कई स्वास्थ्य कर्मियों को दूरस्थ गांवों में ड्यूटी पर भेजा गया था। वे ड्यूटी छोड़कर शहर आकर अपना वोट कैसे दे सकते थे। पर अव्यवस्था की वजह से यह संभव नहीं हुआ। सिविल सर्जन कार्यालय में कार्यरत एक महिला कर्मचारी ने बताया कि मतदान का समय सुबह आठ बजे था। वह आठ बजे मतदान केंद्र में पहुंची और मताधिकार का प्रयोग किया। इसके बाद वहां से आठ किलोमीटर दूर ड्यूटी वाले मतदान केंद्र पहुंची। कई अध्यापक भी मतदान से वंचित

    जिले के सरकारी व एडिड स्कूलों के कई अध्यापकों को भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा। डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट के जिला प्रधान अश्विनी अवस्थी ने कहा कि एक हजार के करीब अध्यापक वोट नहीं दे पाए। कोट्

    19 फरवरी को जिन कर्मचारियों ने आवेदन किया था उनके घरों तक बैलेट पेपर भेजे जा रहे हैं। सभी कर्मचारियों का मतदान हो, इसके लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है।

    - गुरप्रीत सिंह खैहरा, डिप्टी कमिश्नर अमृतसर।