बठिंडा: बाढ़ पीड़ित मूसा का दौरा करने पहुंचे हॉकी कप्तान हरमनप्रीत, बुजुर्ग महिला ने हाथ जोड़ा तो बोले-'मेरी मां ऐसे...'
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने अपनी टीम के साथ अमृतसर के दरिया मूसा गांव में बाढ़ पीड़ितों की मदद की। उन्होंने बाढ़ से प्रभावित लोगों को मकान बनवाने बच्चों को शिक्षा सामग्री देने और हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि वे भी छोटे घरों से उठे हैं और जरूरतमंदों की मदद करना चाहते हैं।

हरदीप रंधावा, अमृतसर। समाज में आर्थित तौर पर कोई कमजोर नहीं होना चाहिए, क्योंकि ऐसे हालातों में व्यक्ति किसी भी व्यक्ति से मदद के मकसद से हाथ जोड़कर खड़ा हो जाता है। जबकि आर्थिक हालातों को कड़ी टक्कर देकर ऊंचाईयों तक पहुंचा व्यक्ति भी अपने आगे किसी को व्यक्ति को हाथ जोड़कर खड़ा देखा, तो वो ही नहीं बल्कि हर कोई भावुक हो जाएगा।
अजनाला में रावी दरिया से महज़ 100-150 फुट की दूरी पर बसे गांव दरिया मूसा में बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के मकसद से जब हरमनप्रीत सिंह गांव के एक घर में पहुंचे, तो बाढ़ से प्रभावित हाथ जोड़कर खड़ी बुजुर्ग महिला से बोले, ओ आह नहीं करने मां मेरिये।
हरमनप्रीत सिंह ने गांव में कच्चे मकान बनाकर देने के साथ ही साथ बच्चों की पढ़ाई यूनिफार्म और अन्य मदद करने के मकसद से तैयार रहेंगे, क्योंकि हम भी ऐसे ही छोटे-छोटे घरों से उठे हैं और सभी की मदद करेंगे, जो भी वे कर सकेंगे।
बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकानों में लोगों को जाने से लगता है डर
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह अपने खिलाड़ी साथी मनदीप सिंह, मनप्रीत सिंह, जरमनप्रीत सिंह, जुगराज सिंह, दिलप्रीत सिंह आदि गांव दरिया मूसा में पहुंचे थे। गांव में 500 के करीब वोट हैं और 160-165 के करीब घर हैं, जिनमें से कई घर बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के पानी से प्रभावित मकानों की छतों के गिरने के साथ ही साथ दीवारों में दरारें आ गई हैं।
लोगों में दहशत का माहौल है, क्योंकि लोगों का कहना है कि बाढ़ से बचे मकानों के नीचे नहीं आना चाहते हैं। गांव में समाजसेवी व हलका विधायक के पारिवारिक सदस्यों ने भी आकर लोगों की मदद की है। हालांकि कि कोई कलाकार नहीं आया है व अब बाढ़ के पानी से प्रभावित मकानों की समस्या से जूझ रहे हैं, जिन्हें भारतीय हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने अपनी टीम के खिलाड़ी साथियों के सहयोग से मकान बनाकर देने की बात कही है।
बच्चों ने कापियां व किताबें सुखाने के लिए धूप में रखी हुई थी
हरमनप्रीत सिंह का कहना है कि बोलकर बताने की क्या जरूरत है जब सब कुछ देखने को मिल रहा है। चढ़दी कला वाले लोक हां जी आपां, पंजाबी हा अते इत्थों ही उट्ठे हां व इन घरों से ही उठे हैं। बच्चों ने अपने घरों में स्कूल में पढ़ाई करने वाली कापियां व किताबें सुखाने के लिए धूप में रखी हुई थी।
हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि लोगों को मकान बनाकर देने के साथ ही साथ बच्चों की स्कूल ड्रैस व कापियां किताबें मुहैया करवाएंगे। उनका कहना है कि बाढ़ प्रभावित लोगों की हर संभव मदद बढ़चढ़ कर करेंगे।
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