डेरा राधा स्वामी प्रमुख गुरिंदर ढिल्लों का 71वां जन्मदिन, 33 साल तक रहे RSSB के अध्यक्ष; पढ़ें खास बातें
राधा स्वामी सत्संग ब्यास के आध्यात्मिक गुरु गुरिंदर सिंह ढिल्लों का आज 69वां जन्मदिन है। 1990 में आरएसएसबी के आध्यात्मिक प्रमुख बने ढिल्लों ने 1991 से 2024 तक डेरा प्रमुख की भूमिका निभाई। 2 सितंबर 2024 को जसदीप सिंह गिल को डेरा प्रमुख नियुक्त किया गया। राधा स्वामी सत्संग ब्यास एक धार्मिक संगठन है जो दुनिया भर में आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार कर रहा है।

डिजिटल डेस्क, अमृतसर। राधा स्वामी सत्संग ब्यास के आध्यात्मिक गुरु गुरिंदर सिंह ढिल्लों (Gurinder Singh Dhillon Birthday) का आज 71वां जन्मदिन है। डेरा अध्यक्ष का जन्म साल 1 अगस्त, 1954 में पंजाब के मोगा में एक कृषक परिवार में हुआ था। साल 1990 में गुरिंदर सिंह को राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) का आध्यात्मिक प्रमुख नियुक्त किया गया।
हालांकि, इस पद से पहले वह स्पेन में रहते थे, अब वे रिटायर्ड हो चुके हैं और अपनी आय पर जीवन यापन करते हैं। सभी स्वयंसेवकों के लिए निर्धारित नीति के अनुसार, उन्हें सोसाइटी से कोई धन या मानदेय नहीं मिलता है। अपने पूर्ववर्तियों की तरह, उन्होंने अपना जीवन सोसाइटी की सेवा और इसके सदस्यों को आध्यात्मिक पथ पर मार्गदर्शन करने के लिए समर्पित कर दिया है।
गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने हिमाचल के शिमला हिल्स में मौजूद लॉरेंस स्कूल, सनावर से शिक्षा हासिल की। इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। गुरिंदर सिंह के दो बेटे हैं। गुरप्रीत सिंह ढिल्लों और गुरकीरत सिंह ढिल्लों।
1991 में मिली डेरा प्रमुख की जिम्मेदारी
गुरिंदर सिंह ढिल्लों (Gurinder Singh Dhillon Birthday) को साल 1991 में डेरा प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्होंने (Gurinder Singh Dhillon) साल 1991 से लेकर 2024 तक डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रमुख की भूमिका निभाई। इस तरह वह कुल 33 साल डेरा प्रमुख रहे। वहीं, 2 सितंबर 2024 को उन्होंने जसदीप सिंह गिल (Jasdeep Singh Gill) को अगला डेरा प्रमुख नियुक्त किया।
यह भी पढ़ें- डेरा ब्यास पर लगे आरोप... अवैध कब्जे को लेकर हाई कोर्ट में दर्ज हुई याचिका, पढ़ें क्या है पूरा मामला?
क्या है राधा स्वामी सत्संग ब्यास?
राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) एक धार्मिक संगठन है। इसका उद्देश्य आध्यात्मिक सार को बढ़ावा देना है। मूल रूप से राधा स्वामी का अर्थ होता है 'आत्मा का स्वामी', सत्संग एक ऐसे समूह को इंगित करता है, जो सत्य की खोज की ओर बढ़ता है।
वहीं, ब्यास उस शहर के बारे में बताता है, जहां इसका केंद्र है। RSSB की स्थापना भारत में 1891 में हुई थी और यहीं से धीरे-धीरे यह अन्य देशों में फैलने लगी। आज RSSB दुनिया भर में 90 से अधिक देशों में बैठकें करता है।
आरएसएसबी की शिक्षाओं का केंद्र एक आध्यात्मिक गुरु हैं, जो जीवन का उद्देश्य समझाता है और सदस्यों को दैनिक ध्यान अभ्यास पर आधारित आध्यात्मिकता की एक विधि का मार्गदर्शन और निर्देश देता है। मौजूदा समय में गुरु बाबा गुरिंदर सिंह और हजूर जसदीप सिंह आध्यात्मिक गुरु हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।