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    भव्य स्वागत से भावुक हुईं गोल्डन गर्ल, बोलीं-सरकार मुझे भी बनाए डीएसपी

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Tue, 06 Mar 2018 02:58 PM (IST)

    एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर नवजोत कौर घर पहुंची तो उसका भव्य स्वागत किया गया।

    भव्य स्वागत से भावुक हुईं गोल्डन गर्ल, बोलीं-सरकार मुझे भी बनाए डीएसपी

    अमृतसर [नितिन धीमान]। एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहली भारतीय महिला रेसलर नवजोत कौर घर पहुंचीं तो जबरदस्त सम्मान पाकर भावुक हो गईं। श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर नवजोत कौर के स्वागत के लिए शहर के साथ-साथ पूरा गांव उमड़ पड़ा। आते ही लोगों ने खुशी में एयरपोर्ट ढोल की थाप पर भंगड़ा डाला। अपने प्रति लोगों के सम्मान को देखकर नवजोत कौर बागबाग हो उठीं।

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    तरनतारन जिले के गांव बागड़िया की रहने वाली नवजोत कौर ने पंजाब सरकार से मांग की कि इस उपलब्धि के मद्देनजर उसे पंजाब पुलिस में डीएसपी की नौकरी प्रदान की जाए। नवजोत ने कहा कि छोटे से गांव से शुरू हुआ रेसङ्क्षलग का सफर आज मुकाम तक पहुंचा है। मेडल जीतने के लिए बहुत तैयारी करनी पड़ी। मैंने सब कुछ छोड़कर केवल प्रैक्टिस पर फोकस किया।

    एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में मेडल जीतना मेरा लक्ष्य था और परिवार का अरमान भी। किर्गिस्तान के बिश्केक में जब गोल्ड मेडल मिला तो मेरी आंखों के सामने पिता का चेहरा आ गया। वो पल मेरे लिए भावुक थे। गोल्ड मेडल जीतने के बाद पूरे देश ने बधाई दी। अब पंजाब आकर भी प्यार और सम्मान मिला है।

    एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत के बाद नवजोत कौर सीधे श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचीं। उन्होंने पवित्र परिक्रमा के दर्शन किए और अपनी जीत के लिए वाहेगुरु का शुकराना किया। एसजीपीसी की ओर से नवजोत को सिरोपा, शॉल, श्री हरिमंदिर साहिब की तस्वीर व धार्मिक पुस्तकों का सेट देकर सम्मानित किया गया। एसजीपीसी के सचिव रूप सिंह ने कहा कि नवजोत कौर ने सिख कौम को गौरवान्वित किया है। इसके लिए एसजीपीसी की ओर से इस खिलाड़ी को एक लाख रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप दी जाएगी।

    लड़कियां किसी से कम नहीं, लड़कों के समान मिले मौका

    नवजोत ने कहा कि देश के लिए यह खुशी का विषय है कि बेटियां आगे बढ़ रही हैं। रेसलिंग को लड़कों का खेल माना जाता था, पर अब इस दंगल में बेटियां भी नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि लड़कियां शादी करके घर बसाने के लिए ही जन्म लेती हैं, यह सोच गलत है। लड़कियों को वैसा ही मौका मिलना चाहिए जैसे बेटों को मिलता है।

    अब ओलंपिक में मेडल जीतना होगा लक्ष्य

    गोल्ड मेडल के लिए मेरे परिवार ने भी कड़ी तपस्या की। पिता सुखचैन सिंह व माता ज्ञान कौर ने  मुझे लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया। अब मैं ओलंपिक की तैयारी करूंगी। अगले दो सालों में दिन रात एक करके भारत को ओलंपिक में गोल्ड दिलवाने के लिए जी-जान लड़ा दूंगी। लोगों का प्यार देखकर मेरा हौसला और मजबूत हुआ है।

    सुखचैन बोले, मैं छोटा किसान पर बेटी दिया बड़ा मान

    नवजोत के पिता सुखचैन सिंह ने कहा कि बेटी ने मुझे वो खुशी दी है जो मैं कभी भी पा नहीं सकता। पूरा गांव बेटी को देखकर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। मैं छोटा सा किसान हूं, पर मेरी बेटी ने बड़ा कारनामा करके मुझे बहुत बड़ा बना दिया। ओलंपिक में बेटी जबरदस्त प्रदर्शन करेगी, ऐसी मुझे उम्मीद है। नवजोत के कोच अशोक ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करूंगा कि उसे डीएसपी के रूप में पदस्थापित किया जाए।

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