Punjab News: बिक्रम सिंह मजीठिया को नहीं मिली अग्रिम जमानत, अदालत ने खारिज की याचिका
अमृतसर में पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई है। सिविल लाइन पुलिस ने उन पर विजिलेंस जांच में बाधा डालने और पुलिस को धमकाने का आरोप लगाया है जिसके चलते मामला दर्ज किया गया था। मजीठिया पहले से ही आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में हैं। उन्होंने इस एफआईआर को राजनीतिक साजिश बताया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरबीर सिंह ने खारिज कर दी है।
सिविल लाइन थाने की पुलिस ने इसी साल 31 जुलाई को आरोपित पूर्व मंत्री के खिलाफ विजिलेंस जांच में बाधा डालने, पुलिस को धमकाने, समर्थक बुलाकर नारे लगवाने के आरोप में केस दर्ज किया गया था।
आरोपित ने अपनी याचिका में बताया है कि राजनीतिक मुद्दा बनाकर उनके खिलाफ यह एफआइआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि बिक्रम सिंह मजीठिया इस समय विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज किए गए आय से अधिक संपत्ति रखने के एक अन्य केस में जेल में बंद है।
विजिलेंस द्वारा दर्ज किए गए केस की जांच के दौरान बिक्रम मजीठिया ने अपने समर्थकों को अपनी कोठी में बुला लिया था। आरोप है कि उनकी तरफ से विजिलेंस टीम को डराया धमकाया गया। यही नहीं, विजिलेंस जांच में बाधा डाली गई।
उक्त घटना के दौरान विजिलेंस ब्यूरो बिक्रम मजीठिया को गिरफ्तार कर मोहाली ले गई थी। तब से वह जेल (न्यायिक हिरासत) में बंद हैं। बिक्रम मजीठिया के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो चालीस हजार पेज का चालान भी पेश कर चुकी है।
पुलिस ने छिपाई थी एफआइआर
सिविल लाइन पुलिस द्वारा 30 जुलाई को एफआइआर नबंर 129 दर्ज की गई थी। इससे पहले मजीठिया के दर्जनभर समर्थकों को थाने बुलाकर पूछताछ की दर्ज थी।
पुलिस एफआइआर छिपाती रही। समर्थकों ने कोर्ट में अर्जी दायर कर उक्त एफआइआर कोर्ट के मार्फत हासिल की थी।
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