Amritsar Fire: अमृतसर के सिविल अस्पताल में आग लगने से हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल, मरीजों को सुरक्षित निकाला गया
अमृतसर के सिविल अस्पताल में आज सुबह अचानक आग लग गई। अस्पताल में भर्ती मरीजों और बच्चों को तुरंत सुरक्षित बाहर निकाला गया। फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। आग ब्लड बैंक के अंदर लगे फ्रिज के पास लगी थी जिसके बाद वह तेज़ी से फैलने लगी। अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में सोमवार सुबह आठ बजे आग लग गई। प्रथम तल पर स्थित ब्लड बैंक के साथ स्टे स्टोर में लगी यह आग इतनी तेजी से फैली कि अस्पताल का स्टाफ दहशत में आ गए। अस्पताल में उपचाराधीन मरीज भी दहल उठे। सोमवार को श्री अग्रसेन जयंती पर सरकारी अवकाश होने के कारण केवल सफाई कर्मचारी और टेक्निशियन ही यहां थे। जैसे ही आग लगने के बाद अलार्म बजा, कर्मचारी फौरन स्टोर की ओर भागे।
दरअसल, स्टोर में रखे फ्रिज में आग लगी थी। फ्रिज में टेस्टिंग किट्स थीं। इन किट्स के कारण आग तेजी से फैली। फ्रिज का कंप्रेशर फट गया। जोरदार धमाका हुआ और चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। स्टोर के पास ही ब्लड बैंक और बच्चा वार्ड है। ब्लड बैंक के स्टाफ और दर्जा चार कर्मचारियों ने सबसे पहले अग्निनशमक यंत्रों के माध्यम से आग पर काबू पाने का प्रयास किया। कुछ कर्मचारियों ने नवजात शिशुओं को सुरक्षित बाहर निकाला।
आग का धुआं तेजी से फैल रहा था। ऐसे में स्टाफ ने तत्काल स्टोर के बाहर बने कारिडोर के शीशे तोड़े। चिंता इस बात की भी थी कि कहीं आग ब्लड बैंक तक न पहुंच जाएं, क्योंकि ब्लड बैंक में टेस्टिंग किट्स, रीएजेंट्स व प्लास्टिक का सामान बहुत ज्यादा पड़ा रहता है। यदि आग यहां तक पहुंचती तो भारी नुकसान हो सकता था।
आग लगने के बाद ब्लड बैंक के बाहर का दरवाजा तत्काल बंद कर दिया गया था। लगभग दो घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका। इस दौरान सफाई सेवकों ने जला हुआ फ्रिज बाहर निकाला। गनीमत यह थी कि स्टोर में रखा अन्य सामान सुरक्षित रहा।
ऐसे बुझाई गई आग
आग बुझाने में नारी शक्ति आगे आई। सुबह आठ बजे जब आग लगी, सफाई कर्मचारी रजनी, रंजीत, अमरजीत, निर्मल, शिंदर कौर व वंदना कारिडोर में ही सफाई कर रही थीं। अलार्म बजते ही सभी एक्टिव हो गईं और फौरन कारिडोर में लगे अग्निशमक यंत्रों को उठाकर स्टोर की ओर भागीं।
अग्निशमक यंत्रों से स्प्रे किया। सफाई कर्मचारी मनजिदर सिंह ने बताया कि लगभग डेढ़ घंटा तक हम आग से जूझते रहे। हालांकि इस दौरान फायर ब्रिगेड को फोन किया गया था, उनके आने से पहले ही आग बुझा दी गई थी।
इधर, घटना की जानकारी पाकर विधायक डॉ. अजय गुप्ता अस्पताल पहुंचे। उन्होंने सफाई सेवकों विशेषकर महिला सफाई सेवकों की पीठ थपथपाई। सफाई सेवकों ने कहा कि वह पिछले पंद्रह से बीस वर्षों से यहां ठेके की नौकरी कर रहे हैं। आठ से दस हजार रुपये वेतन मिलता है। इतने में गुजारा नहीं हो पाता।
कुछ समय पूर्व सिविल अस्पताल परिसर में गाड़ी को अचानक आग लगी थी। तब भी सफाई सेवकों ने इसे अपनी जान पर खेलकर बुझाया था। आज भी कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह नहीं की। विधायक डॉ. अजय गुप्ता ने कहा कि वह सफाई सेवकों की इस मांग को सरकार तक पहुंचाएंगे। दूसरी तरफ आगजनी की इस घटना के बाद सिविल अस्पताल प्रशासन ने इमरजेंसी वार्ड बंद कर दी है।
सिविल सर्जन डॉ. स्वर्णजीत धवन ने बताया कि फ्रिज में आटो कट नहीं लगा होगा और वह अत्यधिक गर्म हो गया होगा। इस कारण आग पकड़ ली। उन्होंने स्पष्ट किया कि सफाई कर्मचारियों को ज्वाइनिंग से पहले ही आग बुझाने का प्रशिक्षण दिया गया था। सोमवार को अवकाश था, लेकिन रात्रि का स्टाफ ड्यूटी पर ही था। उन्होंने सफाई कर्मचारी मनजिंदर सिंह को गले लगाया और समस्त स्टाफ की पीठ थपथपाई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।