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आखिर प्रेमी के साथ कहां गई असिस्टेंट प्रोफेसर, बना रहस्य...

गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी कैंपस से अपने प्रेमी के साथ कार में सवार होकर गई असिस्टेंट प्रोफेसर आखिर कहां गई। यह अभी तक रहस्य बना हुआ है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 27 Feb 2018 05:22 PM (IST)Updated: Tue, 27 Feb 2018 08:58 PM (IST)
आखिर प्रेमी के साथ कहां गई असिस्टेंट प्रोफेसर, बना रहस्य...
आखिर प्रेमी के साथ कहां गई असिस्टेंट प्रोफेसर, बना रहस्य...

अमृतसर [नवीन राजपूत]। 11 सितंबर 2017 को गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी कैंपस से अपने प्रेमी जजिंदर सिंह उर्फ गैरी विर्क की कार में सवार होकर गई असिस्टेंट प्रोफेसर सुखप्रीत कौर बराड़ पुलिस के लिए रहस्य ही बनी हुई है। हालांकि उसके प्रेमी ने कुछ दिन बाद ही पुलिस से बचते हुए महाराष्ट्र के एक गेस्ट हाउस में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

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बताया जा रहा है कि पुलिस मामले को सुलझाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा चुकी है। बावजूद गुत्थी सुलझ नहीं रही। यही नहीं, पुलिस ने ब्यास दरिया के किनारे और आसपास के जंगल में कई दिन तक सर्च आपरेशन चलाया। घटनास्थलों से जुड़े और पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र के कई टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी को खंगाल डाला। जजिंदर की कार बड़ी मुश्किल से महाराष्ट्र के अंबोली जिले से मंगवाई गई और उसकी फोरेंसिक जांच में कुछ साबित नहीं हो पाया।

एसीपी विशालजीत सिंह ने बताया कि सुखप्रीत बराड़ के मामले में आज तक कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस को यह भी नहीं पता कि असिस्टेंट प्रोफेसर सुखप्रीत बराड़ है भी या नहीं।

परिवार भी नहीं कर रहा बात

सुखप्रीत कौर बराड़ का परिवार भी मामले को लेकर ज्यादा पुलिस के संपर्क में नहीं रहा। घटनाक्रम जब शुरू हुआ था तभी परिवार के सदस्यों ने पुलिस थानों के चक्कर लगाए थे, जबकि परिवार के सदस्य मीडिया से बचते रहे। जैसे ही केस में सुखप्रीत के प्रेमी का नाम आना शुरू हुआ तो परिवार ने सारे मामले से कन्नी काटना शुरू कर दिया था।

यह था मामला

असिस्टेंट प्रोफेसर ने 11 सितंबर को आखिरी बार जीएनडीयू में ड्यूटी की थी। इसके बाद वह गायब हो गई। जब मामला सामने आया तो एडीसीपी टू लखबीर सिंह की अगुवाई वाली पुलिस टीम ने सुखप्रीत कौर बराड़ के कैंपस वाले कमरे की तलाशी ली थी। वहां एक नोट मिला था, जिसमें लिखा था कि उसने खरड़ वाले दोस्त जजिंदर से पैसे लेने हैं और वह खरड़ जा रही है। अगर उसे कुछ हुआ तो उसका जिम्मेदार जजिंदर होगा।

इसके बाद सुखप्रीत कौर का मोबाइल बंद हो गया था। आरोपित ने सुखप्रीत के भाई से दो लाख रुपये की फिरौती भी मांगी थी। पुलिस ने जजिंदर के प्रत्येक ठिकाने पर छापेमारी की थी, लेकिन वह फरार हो चुका था। जांच में सामने आया था कि घटना वाली रात जजिंदर और सुखप्रीत कौर ब्यास नदी से पहले रास्ते में एक होटल में रुके थे। हालांकि इस बाबत वहां से सीसीटीवी की फुटेज भी मिली थी। इसके बाद पुलिस ने हत्या की आशंका से एक सप्ताह तक सर्च अभियान भी चलाया था। बाद में पुलिस ने जजिंदर का शव महाराष्ट्र के एक गेस्ट हाउस से बरामद किया था।

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