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    मुहब्बत की न थी जुबां और आंखों से हो गई बयां

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Mon, 15 May 2017 07:38 PM (IST)

    उनकी जुबां नहीं थी, लेकिन दिल की चाहत को इसे बयां करने के लिए बस आंखों की जरूरत होती है। एेसा ही अमृतसर के रमन और जसविंदर के साथ हुआ। आंखों से बयां हु ...और पढ़ें

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    मुहब्बत की न थी जुबां और आंखों से हो गई बयां

    अमृतसर, [नितिन धीमान]। शहर के खूह भल्ले दा क्षेत्र में रहने वाला रमन कुमार बोल नहीं सकते। वह एक फैक्टरी में काम कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। मदर्स डे के अवसर पर वह अपनी मां को गिफ्ट देना नहीं भूलते। पिछली मर्तबा मदर डे पर मां के लिए दो सूट लाए। मां ने पूछा कि दूसरा सूट किसके लिए है। उन्‍‍होंने इशारों में समझा दिया कि अगले मदर डे पर तेरे लिए दुल्हनियां ले आऊंगा। रविवार को मदर्स डे के अवसर पर रमन ने अपना यह वादा पुतलीघर क्षेत्र में रहने वाली जसविंदर कौर के साथ अंतरजातीय विवाह करके पूरा किया।

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    मदर्स डे पर अमृतसर के मूक रमन और जसविंदर ने रचाया अंतरजातीय विवाह

    जसविंदर कौर भी रमन के साथ ही फैक्टरी में काम करती है और वह भी बोल नहीं सकतीं। पिछले दो वर्ष से दोनों एक दूसरे के साथ घंटों बिताया करते थे। इन लम्हों को मुहब्बत में बदलना चाहते थे, पर उनके  पास जुबां न थी। ऐसे में दोनों ने आंखों से ही अपनी मुहब्बत का इजहार कर दिया।

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    मां सतोष रानी ने बताया कि रमन के अलावा तीन और बेटे व एक बेटी है। छोटे बेटे पवन की शादी हो चुकी है। रमन शादी नहीं करना चाहता था, लेकिन जसविंदर कौर से प्रेम का रिश्ता कायम होने के बाद उसने मुझे अपने दिल की बात बताई। हालांकि जसविंदर सिख परिवार से संबधित थी।

    उन्‍हाेंने कहा कि लोग क्या कहेंगे, यह सोचकर कलेजा भर आता था। दोनों का समर्पण भाव देखकर हमने शादी के लिए हामी भर दी। फिर जसविंदर के पारिवारिक सदस्यों से बात की गई। उन्होंने इस रिश्ते पर सहमति की मुहर लगा दी। रमन ने पिछले वर्ष मुझसे कहा था कि अगली बार मदर्स डे पर आपको तोहफा दूंगा। आज उसने वाकई मुझे ऐसा तोहफा दिया है जो अनमोल है।

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    रमन के पिता जुगल किशोर ने कहा, रमन कमाऊ पूत है। मैं छोटा मोटा काम करता हूं, लेकिन रमन फैक्टरी में पसीना बहाकर पूरे परिवार की रोटी का प्रबंध करता है।

    धूमधाम से निकली बारात

    रविवार को बड़ी धूमधाम से रमन की बरात निकली। शादी रचाने के बाद घर पहुंचे जसविंदर और रमन को देखने के लिए आस पड़ोस के लोगों का तांता लग गया। दोनों बोल नहीं सकते, लेकिन अपनी भावनाओं को इशारों के माध्यम से व्यक्त किया और लोगों की शुभकामनाएं स्वीकार की। रमन ने अपने सीने पर हाथ रखकर इशारा किया कि मैं जसविंदर को ताउम्र सुखी रखूंगा। मोहल्ले के लोगों ने इस दंपती को सुखद दाम्पत्य जीवन की कामना की।