Punjab News: जी-20 के रूट में परेशानी बन सकते हैं बेसहारा पशु, नगर निगम की अनदेखी पड़ सकती है भारी
Punjab News नगर निगम के सेहत विभाग ने पिछले दिनों निगम के पूर्वी जोन में चल रही डेयरियों को शहर की हद से बाहर निकालने के लिए प्रयास किया था मगर उसमें भी निगम को सफलता नहीं मिल पाई थी।
अमृतसर, जागरण संवाददाता। पंजाब की सड़कों पर बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है। शहर की सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं पर काबू पाने में भी निगम को सफलता नहीं मिल रही है। शहर की विभिन्न सड़कों पर अक्सर ही बेसहारा पशु घूमते देखे जा सकते हैं, जो कि राहगीरों के लिए परेशानी के साथ-साथ दुर्घटनाओं का सबब बनते हैं। निगम के पास डेयरियों को बाहर निकालने की इच्छा शक्ति और बेसहारा पशु को संभालने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं हैं।
निगम ने बेसहारा पशुओं के लिए प्रबंध करने का बीड़ा उठाया था, जिसे अमलीजामा पहनाया नहीं जा सका है, क्योंकि अगले महीने शहर में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के रूट में बेसहारा पशु परेशानी खड़ी कर सकते हैं, जिसके लिए निगम को उनकी संभाल के लिए कुछ न कुछ जरूर करना चाहिए।
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दुर्घटनाओं का सबब बनते हैं बेसहारा पशु
नगर निगम के सेहत विभाग ने पिछले दिनों निगम के पूर्वी जोन में चल रही डेयरियों को शहर की हद से बाहर निकालने के लिए प्रयास किया था, मगर उसमें भी निगम को सफलता नहीं मिल पाई थी। वहीं दूसरी तरफ निगम के पश्चिमी जोन में भी चल रही अवैध डेयरियों को निगम की हद से बाहर निकालने के लिए निगम के सेहत विभाग ने अभियान चलाया था, मगर नगर निगम का सेहत विभाग उसमें भी सफल नहीं हो पाया है।
उसके साथ ही साथ शहर के विभिन्न हिस्सों देखा जाए, तो कई सड़कों पर बेसहारा पशु घूमते दिखाई देते हैं, मगर उन्हें भी निगम का सेहत विभाग उठाकर गौशाला में नहीं लेकर जाता है, ताकि उनकी वजह से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। उनकी वजह से सिर्फ लोग ही दुर्घटनाओं के शिकार नहीं होते हैं, मगर उन बेसहारा पशुओं को भी नुकसान पहुंचता है।
पशुओं की भलाई के लिए युद्धस्तर पर काम करे निगम
एंटी क्राइम एंड एनिमल प्रोटेक्शन एसोसिएशन के चेयरमैन डा. रोहन मेहरा का कहना है कि शहर के विभिन्न हिस्सों में डेयरियां चल रही हैं। लोहगढ़ गौशाला के आसपास घूमने वाले बेसहारा पशु भी किसी ने रखे हुए हैं, जबकि सरेआम सड़कों पर घूमने की वजह से सड़कों पर जाम की समस्या पैदा होती है। साल-2022 के सितंबर महीने में रोष प्रदर्शन करके बेसहारा पशुओं की समस्या हल करने के लिए आवाज बुलंद की गई थी, जिसके बाद निगम ने झब्बाल रोड पर जगह उपलब्ध करवाने के बाद कोई अगली कार्रवाई नहीं हुई है। अब निगम को बेसहारा पशुओं की भलाई के लिए युद्धस्तर पर काम करना चाहिए।
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निगम ने बनाई नई गौशाला बनाने की योजना
निगम कमिश्नर संदीप ऋषि का कहना है कि शहर में कहीं बेसहारा पशु नजर आता है, तो संबंधित विभाग को सूचित कर दिया जाता है।यही नहीं शहर में घूमने वाले बेसहारा पशुओं को उठाकर निगम के गौशाला में भेज दिया जाता है और वहां जगह न होने पर संत बाबा भूरी वाला द्वारा संचालित गौशाला में बेसहारा पशुओं को पहुंचा दिया जाता है। निगम ने शहर में एक नई गौशाला बनाने की योजना बनाई है।