Punjab: सीएम भगवंत मान का GNDU में एलान, पंजाब में साइन बोर्ड पर सबसे पहले लिखी जाएगी पंजाबी भाषा
सीएम ने कहा कि पंजाबी हमारी मां बोली है और इसे बचाकर रखना हमारा फर्ज है। समय ऐसा आता जा रहा है कि हमें पंजाबी बोलने में शर्म आने लगी हैं जबकि पंजाबी विश्व में नौवें स्थान पर है। हम अपनी ही मां बोली से दूर होते जा रहे हैं।
जासं, अमृतसर। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में राज्य स्तरीय पंजाबी महीने कार्यक्रम में शिरकत की। इसमें उनके अलावा, कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेर विशेष तौर पर पहुंचे। कार्यक्रम के दौरान साहित्य में उपलब्धियां हासिल करने वाली शख्सियतों को सम्मानित किया गया।
इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने पंजाब में सभी साइन बोर्ड पर पंजाबी में निर्देश लिखने के आदेश दिए हैं। सीएम ने कहा कि 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय भाषा दिवस है, उससे पहले अधिकारियों को यह काम पूरा करना होगा। उसके बाद सख्ती की जाएगी। उन्होंने पंजाबियों से भी पंजाबी को प्राथमिकता देने की अपील की।
सीएम ने कहा कि पंजाबी हमारी मां बोली है और इसे बचाकर रखना हम सबका फर्ज है। उन्होंने कहा कि समय ऐसा आता जा रहा है कि हमें पंजाबी बोलने में शर्म आने लगी हैं, जबकि पंजाबी विश्व में नौवें स्थान पर है। हम अपनी ही मां बोली से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेश में पंजाबी भाषा के साइन बोर्ड तक लग चुके हैं, लेकिन पंजाब में रहकर हम इसे दूर हो रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने अलग-अलग शायरों की उदाहरण देकर पंजाबी और पंजाबी विरसे को संभालने की बात कही।
ਪੰਜਾਬੀ ਮਾਹ ਦੇ ਸੰਦਰਭ ‘ਚ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ, ਸ੍ਰੀ ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਸਾਹਿਬ ਵਿਖੇ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਸਮਾਗਮ ਤੋਂ Live https://t.co/P3gSFsV1w3— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) November 19, 2022
पहले लोग बद्दुआ देते थे- जा तू अपनी मां बोली भूल जाए
पुराने समय की बात करते हुए उन्होंने कहा कि रसूल हमजा लिखते हैं कि उस जमाने में अगर किसी को बद्दुआ देनी होती थी तो कहते थे कि जा तू अपनी मां बोली को भूल जाए। इसी तरह अगर किसी को दुआ देनी होती थी तो कहते थे कि तेरी उम्र लोक गीत जितनी हो।
जो इंसान मां बोली को भूल जाता है, वह सबकुछ खो देता है
सीएम मान ने कहा कि जो इंसान अपनी मां बोली को भूल जाता है, वो सबकुछ खो देता है। वहीं उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को काबिल बनाओ ना कि उनके लिए बैंक बैलेंस जोड़ो, क्योंकि जिन बच्चों को बैंक बैलेंस मिलते हैं, जीवन में पैसे की कीमत को कभी नहीं समझ सकते। अपनी मेहनत की कमाई ही करनी चाहिए। दुनिया का सबसे बड़ा शार्टकट है मेहनत।