Amritsar News: खुले आसमान के नीचे सिटी बसें हो रही कबाड़, निगम मौन
मॉल मंडी स्थित एसपी देहाती कार्यालय के पास नगर निगम द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद कबाड़ का रूप धारण कर रही हैं। नगर निगम में एक कंपनी को बसों के रखरखाव के लिए ठेका दिया था।
अमृतसर, जागरण डिजिटल डेस्क। प्रशासन की अनदेखी से भारी नुकसान हो रहा है। मॉल मंडी स्थित एसपी देहाती कार्यालय के पास नगर निगम द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद कबाड़ का रूप धारण कर रही हैं। उनकी सीटें फट चुकी हैं और शीशे भी टूटने के साथ ही साथ बसों के अंदर लगा सामान चोरी हो चुका है, जिसकी तरफ निगम द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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अकाली-भाजपा सरकार ने की थी शुरू
साल 2014 में अकाली-भाजपा सरकार ने शहर में लोगों की सहूलियत के लिए 17.80 करोड़ रुपए की लागत से 60 बसें खरीदी थी, जिसमें 40 नार्मल, तो 20 एयर कंडीशनर बसें शामिल थी। जबकि दो साल बाद कांग्रेस की सरकार आने पर इन्हें बंद करके माल मंडी स्थित एसपी देहाती कार्यालय के पास खाली पड़ी जमीन पर खड़ा कर दिया था, जिन्हें सिटी बस के तौर पर चलाया गया था।
नगर निगम में एक कंपनी को बसों के रखरखाव के लिए ठेका दिया था।जबकि कंपनी ने ध्यान नहीं दिया व आठ सालों में बसें कबाड़ बन गई हैं। आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार में बसों की खरीद को लेकर जांच करवाने की चर्चा भी चल रही है। पिछले दिनों डिप्टी कमिश्नर (डीसी) हरप्रीत सिंह सूदन के पास जांच की शिकायत भी पहुंची है। जनता से टैक्स के रूप में वसूली राशि से लोगों की सहूलियत के लिए बसें खरीदी गई थी, जबकि खुले आसमान के नीचे कबाड़ हो रही है।
महामारी में सिटी बसों का किया गया था इस्तेमाल
कोविड-19 की महामारी के समय निगम प्रशासन ने कुछ सिटी बसों को इस्तेमाल किया था, जिनमें से तीन बसें आज भी रंजीत एवेन्यू स्थित निगम के मुख्यालय परिसर में खड़ी हैं, जोकि हर रोज निगम प्रशासन चलने की उम्मीद में खड़ी हैं। निगम मुख्यालय में खड़ी बसें भी कबाड़ का रूप धारण कर रही हैं, क्योंकि उन्हें भी खुले आसमान में ही खड़ा कर रखा है।
जब गर्मियों का मौसम होता है, तो उन्हें धूप सहन करनी पड़ती है, तो जब बारिश का मौसम होता है, तो उन्हें पानी की वजह से नुकसान हो रहा है। जबकि सर्दियों में धुंध से भी सिटी बसों को नुकसान हो रहा है। कोविड-19 की महामारी के समय निगम के स्टाफ को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेकर जाने के लिए इस्तेमाल किया गया था और उसके बाद आज तक बसें एक ही स्थान पर खड़ी है।
बसों की रिपेयर करके चलाने की बना रहे योजना
निगम कमिश्नर संदीप ऋषि का कहना है कि निगम ने पंजाब रोडवेज प्रबंधन के साथ राबता भी कायम किया गया है कि निगम द्वारा खरीदी गई बसों को चला सकते हैं, मगर उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। हालांकि निगम की तरफ से भी उक्त बसों को रिपेयर करवाने की योजना बनाई जा रही है, क्योंकि रिपेयर करवाए बिना भी उन्हें चलाना संभव नहीं है। यहीं नहीं आने वाले दिनों में सिटी बसों का लाभ लेने के लिए विचार किया जाएगा।
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