'सिखों के अधिकारों में दखल बर्दाश्त नहीं...', चंडीगढ़ से जुड़े 131वें संविधान संशोधन बिल के विरोध में उतरी SGPC
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने चंडीगढ़ से संबंधित 131वें संविधान संशोधन बिल का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह सिखों के अधिकारों में दखल है, क्योंकि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है। धामी ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर राजनीतिक सहमति और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी कि सिख संगठनों से बिना चर्चा के लिए गए फैसले का विरोध किया जाएगा।

चंडीगढ़ से जुड़े 131वें संविधान संशोधन बिल को SGPC ने सिखों के अधिकारों में दखल बताया (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, अमृतसर। आगामी संसद सत्र में चंडीगढ़ से संबंधित 131वें संविधान संशोधन बिल लाए जाने की तैयारियों के बीच शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने इसे सिख समुदाय के अधिकारों में दखल बताते हुए कड़ा विरोध जताया है।
धामी ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है। इसके संबंध में बिना पंजाब और सिख प्रतिनिधियों से बातचीत किए कोई भी विधायी कदम उठाना सिखों के अधिकारों पर सीधा हस्तक्षेप है। इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीतिक सहमति और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को प्राथमिकता देनी चाहिए। धामी के अनुसार चंडीगढ़ का मुद्दा सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि पंजाब की पहचान और ऐतिहासिक हक से जुड़ा है। सरकार इस पर जल्दबाज़ी न करे।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि सिख संगठनों को विश्वास में लिए बिना लिए गए फैसले का विरोध होगा। हम अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लोकतांत्रिक और कानूनी रूप से हर स्तर पर आवाज उठाएंगे।
धामी ने यह भी कहा कि कमेटी इस मुद्दे पर आगे की रणनीति को लेकर विभिन्न सिख संस्थाओं और विद्वानों से चर्चा करेगी।

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