ई-वे बिल की लिमिट बढ़ने से परेशान हो रहे दवा कारोबारी
सरकार की ओर से लगातार जीएसटी नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं। इसी के तहत ई-वे बिल की लिमिट भी बढ़ाकर प्रतिदिन 100 से किलोमीटर से 200 किलोमीटर कर दी गई है।
जासं, अमृतसर: सरकार की ओर से लगातार जीएसटी नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं। इसी के तहत ई-वे बिल की लिमिट भी बढ़ाकर प्रतिदिन 100 से किलोमीटर से 200 किलोमीटर कर दी गई है। इस कारण मेडिसिन इंडस्ट्री को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। क्योंकि कोविड के कारण कई राज्य बंद पड़े हैं। ऐसे में समय पर माल नहीं पहुंच पा रहा है, क्योंकि जहां पहले तीन दिन में माल पहुंचता था। वहां पर अब पांच से छह दिन लग रहे हैं। ऐसे में ई-वे बिल की अवधि भी खत्म हो जाती है। इससे व्यापारियों को भारी जुर्माना देना पड़ता है। इसको लेकर अमृतसर केमिस्ट एसोसिएशन की ओर से विरोध भी दर्ज किया जा रहा है।
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल अमृतसर के प्रधान सुरिदर दुग्गल ने कहा कि सरकार को चाहिए कि ई-वे बिल की लिमिट कम करे ताकि व्यापारी आसानी से कारोबार चला सकें। उन्होंने कहा कि राज्य के बाहर या अंदर कहीं भी 50 हजार रुपये का माल भेजने के लिए तीन प्रक्रियाओं से गुजरना होता है। पहले सप्लायर जीएसटी पोर्टल पर माल की डिटेल अपलोड करता है और फिर थर्ड पार्टी या ट्रांसपोर्टर इसी तरह की डिटेल भरकर ई-वे बिल नंबर जनरेट करेगा। उसे बिल की कापी या नंबर के साथ लेकर चलना होता है। इसके बाद रिसीवर को 72 घंटे में पुष्टि भी करनी होगी। लेकिन अभी कोरोना काल चल रहा है और ऐसे पर समय पर माल नहीं पहुंच पा रहा। माल अपलोड हुआ है या नहीं। इसकी भी वेरिफिकेशन नहीं हो पा रही है। इस कारण तीन दिन में माल पहुंचने की बजाए, छह से सात दिन लग रहे हैं और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।