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चन्ना के चूड़ों का Bollywood भी दीवाना, Madhuri, Aishwarya व Isha Deol भी कर चुकी हैं इनसे श्रृंगार

विवाह के समय दुल्हन को चूड़ा पहनाने की रस्म भी खास होती है। यूं तो हर जगह कई तरह के चूड़े मिल जाएंगे लेकिन अमृतसर के चन्ना चूड़े वाले के बनाए चूड़ों की चमक विदेश तक है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 03:21 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 08:53 PM (IST)
चन्ना के चूड़ों का Bollywood भी दीवाना, Madhuri, Aishwarya व Isha Deol भी कर चुकी हैं इनसे श्रृंगार
चन्ना के चूड़ों का Bollywood भी दीवाना, Madhuri, Aishwarya व Isha Deol भी कर चुकी हैं इनसे श्रृंगार

अमृतसर [हरीश शर्मा]। पंजाबी परंपरा और संस्कृति में चूड़ा दुल्हन का खास श्रृंगार है। सुहाग और समृद्धि का प्रतीक है। विवाह के समय दुल्हन को चूड़ा पहनाने की रस्म भी खास होती है। यूं तो हर जगह कई तरह के चूड़े मिल जाएंगे, लेकिन अमृतसर के चन्ना चूड़े वाले के बनाए चूड़ों की चमक विदेश तक है।

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बड़े-बड़े फिल्मी सितारे भी इनके दीवाने हैं। माधुरी दीक्षित, ऐश्वर्या राय और ईशा देयोल के लिए चन्ना ने ही चूड़ा बनाया था। हेमा मालिनी (ईशा की मां) ने तो चूड़ा लेने के लिए गुरचरण सिंह को अपने घर बुलाया था। यही नहीं, चर्चित फिल्म गदर-एक प्रेम कथा में अभिनेत्री अमीषा पटेल ने जो चूड़ा पहना था, वह भी चन्ना ने ही बनाया था।

जरूरत के हिसाब से बनाते हैं चूड़ा, कीमत 500 से 5000 रु. तक

गुरचरण सिंह चन्ना की खासियत यह है कि वह ग्राहक की जरूरत व पसंद के मुताबिक चूड़े का डिजाइन तैयार कर देते हैं। चन्ना के पास 500 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक के चूड़े उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी में वह चूड़ा नि:शुल्क ही देते हैं।

 

सात समंदर पार तक चमक

चन्ना अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के प्रशंसक हैं। वह हर साल उनके जन्मदिन पर केक काटते हैं। माधुरी भी इनके चूड़े की दीवानी हैं। उन्होंने चन्ना को विशेष तौर पर मिलने बुलाया था। कपिल शर्मा के शो में माधुरी आई थीं तो उन्होंने चन्ना का जिक्र किया था। उन्होंने बताया था कि खिलाफ फिल्म में चन्ना चूड़े वाले का बनाया चूड़ा उन्होंने पहना था। उसके बाद अपनी शादी पर यहीं से चूड़ा मंगवाया था। चन्ना के पास विदेश से भी चूड़े की मांग आती है।

चालीस साल से कारोबार

चन्ना बताते हैं कि वह करीब 40 साल से इस कारोबार में हैं। उन्होंने 12 साल की उम्र में काम सीखना शुरू किया। 17 साल के हुए तो खुद चूड़े बनाकर बेचने शुरू कर दिए थे। उनकी दुकान अमृतसर में सुल्तानविंड रोड पर है।

21 चूड़ियों से बनता है चूड़ा

प्लास्टिक से बनी सफेद और गहरे कत्थई रंग की 21 चूड़ियों के सेट को चूड़ा कहा जाता है। पहले ये हाथी दांत से बनते थे। हाथी दांत के इस्तेमाल पर पाबंदी के बाद इसे प्लास्टिक से बनाया जाने लगा है। इसमें सफेद चूड़ियों पर क्रिस्टल वर्क (नगीने जड़ना) किया जाता है। आजकल यह कई रंगों में मिलता है। यह माना जाता है कि चूड़े की शुरुआत पंजाबी संस्कृति में हुई।

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