मजीठिया का डाॅ. नवजोत संग सिद्धू पर भी निशाना, कहा- मंत्री पद से हटाएं कैप्टन
शिअद महासचिव बिक्रम सिंह मजीठिया ने दशहरा कार्यक्रम के दौरान हुए हादसे के लिए कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू व उनकी पत्नी पर निशाना साधा है।
जेएनएन, अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के महासचिव व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने दशहरा कार्यक्रम के दौरान हादसे को लेकर पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी डाॅ. नवजोत कौर सिद्धू पर निशाना साधा है। मजीठिया ने कहा कि इस हादसे की जिम्मेदारी क्षेत्र के विधायक व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को इसकी जिम्मेवारी लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तत्काल प्रभाव से सिद्धू को बर्खास्त करें। हादसे के बाद डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को वहां से नहीं खिसकाना चाहिए था।
दो पल की खुशी मनाने आए थे लोग, उम्र भर का दुख मिला : मजीठिया
मजीठिया ने कहा कि जोड़ा फाटक के पास आयोजित होने वाले दशहरा कार्यक्रम में लोग दो पल की खुशी के लिए गए, मगर यहां से अपने परिजनों के शवों के साथ उम्रभर का दुख लेकर गए। इस तरह की घटना बेहद दुखद है और अायोजन में भारी लापरवाही को दर्शाता है। इस तरह के कार्यक्रम के लिए सुरक्षा के कोइ इंतजाम न करना बहुत गंभीर सवाल उठाते हैं।
उन्होंने कहा कि डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को हादसे के बाद वहां से भागना नहीं चाहिए था, बल्कि पीडि़तों की मदद में लोगों का साथ देना चाहिए था। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने आयोजक इलाका के पार्षद मदान का अपने घर को ताले लगा कर भाग जाने को जिम्मेवारी के प्रति लापरवाही बताया। उन्होंने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार घटना की जांच कराकर हादसे के लिए जिम्मेवार लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई करे।
उन्होंने कहा कि वह यहां राजनीति नहीं करने आए बल्कि हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के साथ संवेदना व्यक्त करने आए हैं। लोगों ने मजीठिया को बताया कि हादसा नवजोत कौर सिद्धू के सामने हुआ और वह हादसे का शिकार लोगों की मदद की बजाए चुपके से निकल गईं। इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मजीठिया ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर पूर्वी से विधायक हैं। जिस जगह पर यह हादसा हुआ है वह उनके इस क्षेत्र मंं पड़ता है। ऐसे में सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को इलाका में लोगों के साथ होना चाहिए था।
समय पर हाे जाता कार्यक्रम तो बच जाता हादसा
अगर शुक्रवार को समय पर रावण दहन हो गया होता तो शायद यह हादसा नहीं होता। मजीठा रोड के हरदेव सिंह और जसबीर सिंह ने बताया कि पोस्टर में दशहरा पर्व में पहुंचने का समय चार बजे लिखा था और नवजोत कौर सिद्धू सायं 6.45 बजे ग्राउंड में पहुंचीं। मैडम सिद्धू ने सायं 7.10 बजे फीता काटा और रावण को आग लगाई। यह पूरी तरह से रिहायशी इलाका है और यहां रावण जलाना ही गलत है।
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