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    SGPC Election: पंजाब की सियासत में नया ट्विस्‍ट ; बीबी जगीर कौर जीते या हारें, शिअद की बढ़ेंगी मुश्किलें

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Wed, 09 Nov 2022 09:06 AM (IST)

    SGPC Election पंजाब में सिख राजनीति में नया ट्विस्‍ट आ गया है और शिरोमणि अकाली दल को बगावत के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। शिअद से बगावत कर एसजीपीसी प्रधान पद का चुनाव लड़ रही बीबी जगीर कौर हारें या जीतें लेकिन वह शिअद की मुश्किलें बढ़ाएंगी।

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    बीबी जगीर कौर और शिरोमणि अकाली दल के अध्‍यक्ष सुखबीर सिंह बादल। (फाइल फोटो)

    विपिन कुमार राणा, अमृतसर। SGPC Election: पंजाब की सिख राजनीति में नया ट्विस्‍ट आ गया है। शिरोमणि अकाली दल के लिए गंभीर चुनौती खड़ी हो गई है। पार्टी की वरिष्‍ठ नेताओं में शुमार रहीं बीबी जगीर कौर ने इस बार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के चुनाव में शिअद के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैंं। 

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    दो तिहाई बहुमत के साथ शिअद है एसजीपीसी पर काबिज

    दरअसल, एसजीपीसी (SGPC) के चुनाव में लंबे समय बाद ऐसा हो रहा है कि शिअद से बगावत कर कोई नेता अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहा है। शिअद एसजीपीसी पर दो तिहाई बहुमत से काबिज है और पार्टी के प्रत्याशी एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को पार्टी ने अध्‍यक्ष पद के लिए उम्‍मीदवार बनाया है।

    दूसरी ओर, शिअद से बागी होकर चुनाव लड़ रहीं पूर्व अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने धामी को चुनौती दी है। बहुमत के साथ शिअद बढ़त का दावा कर रहा है, लेकिन जानकारों का कहना है कि बीबी जगीर कौर जीते या हारें, भविष्य में वह शिअद की मुश्किलें बढ़ाती रहेंगी।

    एसजीपीसी चुनाव में रोज दिख रहे हैं नए समीकरण 

    बीबी जगीर कौर द्वारा शिअद से बगावत कर एसजीपीसी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से ही रोज नए समीकरण देखने को मिल रहे हैं। शिअद संयुक्त के अध्यक्ष सुखदेव सिंह ढींडसा भी बीबी जगीर के पक्ष में डटे हुए हैं। वहीं हरियाणा, हिमाचल और चंडीगढ़ से एसजीपीसी सदस्यों का झुकाव किस ओर जाता है इस पर सबकी नजरें इस पर टिकी हुई हैं। राजनीति के जानकार इसे लेकर अपने-अपने गणित भिड़ा रहे हैं।

    सुखबीर बादल विरोधी खेमे का बीबी को मिलेगा साथ

    बीबी खुद एसजीपीसी की तीन बार अध्यक्ष रही हैं और अपने कार्यकाल में एसजीपीसी सदस्यों के साथ उनका अच्छा खासा संपर्क रहा है। ऐसे में सुखबीर सिंह बादल विरोधी खेमे के साथ मिलकर वह अपने पक्ष में कितने वोट जुटा पाती हैं, इससे आज शाम को पर्दा उठ जाएगा। इतना ही नहीं जिस तरह शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा पर एसजीपीसी सदस्यों को प्रभावित करने के आरोप लगाया है, उसे देखते हुए सबकी नजरें क्रास वो¨टग पर भी टिकी हुई हैं।

    शिअद के सामने अब तक टिक नहीं पाए हैं विरोधी

    अब तक शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अध्यक्षता के लिए जब भी किसी ने शिअद प्रत्याशी को चुनौती दी है, तो उसकी दाल नहीं गली है। 2021 के अध्यक्ष पद के चुनाव की बात करें तो शिअद प्रत्याशी धामी के सामने चुनाव लड़ने वाले मिट्ठू सिंह काहनके को केवल 19 वोट ही मिले थे और उस समय शिअद एकजुट था। बीबी की बगावत के बाद उनके समर्थन में कौन-कौन जाता है और किन सदस्यों को वह अपने पक्ष में लामबंद करने में सफल रही हैं, शिअद की नजर भी इसी पर टिकी हुई है।