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    Punjab News:'बीबी जागीर को धार्मिक सजा दें', बेटी की हत्या मामले में सिख नेताओं ने जत्थेदार के सामने रखी मांग

    Updated: Thu, 19 Sep 2024 05:59 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने बेटी हरप्रीत कौर की हत्या के मामले में बीबी जगीर कौर को 5 साल की सजा सुनाई है। सिख नेताओं ने श्री अकालतख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से बीबी जगीर कौर को धार्मिक सजा देने की अपील की है। उनका कहना है कि बीबी जगीर कौर ने सिख रहत मर्यादा के खिलाफ जाकर बेटी की हत्या करवाई है।

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    बेटी की हत्या करवाने के मामले में सिख नेताओं ने की बीबी जागीर को धार्मिक सजा की मांग

    जागरण संवाददाता, अमृतसर। अपनी बेटी हरप्रीत कौर को कत्ल करवाने के आरोपी में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पांच साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में अब सिख नेताओं गुरशरण सिंह, सतनाम सिंह,गुरप्रीत सिंह, जसपिंदर सिंह इत्यादि ने श्री अकालतख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञनी रघबीर सिंह से एसजीपीसी की पूर्व प्रधान बीबी जगीर कौर को इस मामले में भी दूनियावी अदालत के साथ साथ सिखों की सर्वोच्च धार्मिक अदालत में भी तलब कर धार्मिक सजा सुनाने की अपील की है।

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    वीरवार को श्री अकालतख्त सचिवालय में श्री अकालतख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को सोंपे ज्ञापन में उक्त नेताओं ने खुलासा किया है कि बीबी जगीर कौर 20 अप्रैल 2000 को बीबी के गांव बेगोवाल में उनकी बेटी हरप्रीत की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी, इसी दिन हरप्रीत का बिना पुलिस प्रशासन को सूचित किए अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था,।

    उनका पति होने का दावा करने वाले कमलजीत सिंह ने 27 अपैल 2000 को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इसके लिए बीबी जगीर कौर को जिम्मेवार ठहराते हुए उन्हें सख्त से सख्त सजा देने की अपील की थी, जांच के बाद सीबीआई ने 10 अक्तूबर 2000 को ही बीबी के खिलाफ कत्ल का केस दर्ज किया था।

    12 साल की सुनवाई के बाद 30 मार्च 2012 को अदालत ने बीबी को बेटी का अगवा करवाने, उसका गर्मपात करवाने तथा कत्ल की साजिश में शामिल होने का दोषी ठहराते हुए उन्हें पांच साल की कैद व पांच हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई थी उक्त मामला अभी भी अब सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि सिख रहत मर्यादा में भी इस बजर गुनाह करार दिया गया है।

    इसलिए सिख मर्यादा, सिद्धांतों व परम्परा के अनुसार बीबी को इस संदर्भ में श्री अकालतख्त साहिब पर तलब कर उन्हें बेमिसाल , ऐतिहासिक सख्त से सख्त सजा सुनाई जाए ।