Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अमृतसर में आवारा कुत्तों पर काबू पाने के लिए एनिमल वेलफेयर बोर्ड सख्त, नसबंदी की रफ्तार तेज

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 06:38 PM (IST)

    एनिमल वेलफेयर बोर्ड की टीम ने अमृतसर के गुमानपुरा स्थित एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में कुत्तों की नसबंदी प्रक्रिया का निरीक्षण किया। टीम ने नसबंदी रिकॉर ...और पढ़ें

    Hero Image

    एनिमल वेलफेयर बोर्ड की टीम ने अमृतसर के गुमानपुरा स्थित एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में कुत्तों की नसबंदी प्रक्रिया का निरीक्षण किया (फोटो: जागरण)

    सतीश शर्मा, अमृतसर। एनिमल वेलफेयर बोर्ड आफ इंडिया की दो मेंबरी टीम ने बुधवार को गुमानपुरा स्थित एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में कुत्तों की नसबंदी के काम का निरीक्षण किया। जिसमें आवारा कुत्तों की नसबंदी का रिकार्ड खंगाला गया। टीम करीब ढाई घंटे तक एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटल में रही।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    निगम की तरफ से लगाए गए टेंडर के तहत अगस्त 2023 में एनिमल वेलफेयर ट्रस्ट ने 20 हजार कुत्तों की नसबंदी का काम शुरू किया था। यह नसबंदी फतेहगढ़ शुक्रचक्क और गुमानपुरा स्थित एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटरों में की जा रही है। इसमें हर 6 महीने बाद एनिमल वेलफेयर बोर्ड की टीम की तरफ से नसबंदी प्रक्रिया का निरीक्षण किया जाता है।

    निगम के मुताबिक रोजाना 25 से 30 कुत्तों की नसबंदी की जा रही है। निगम ने आगे 20 हजार नए कुत्तों की नसबंदी का टेंडर भी लगाया था। चंडीगढ़ से फिलहाल इस टेंडर को कुत्तों की सही संख्या का पता नहीं होने के कारण मंजूरी नहीं दी गई है। शहर में जानवरों की तादाद का पता लगाने के लिए सर्वे हो चुका है लेकिन इसको नोटिफाई किया जाना बाकी है।

    निगम की तरफ से लगाए गए पहले टेंडर में 20 हजार कुत्तों की नसबंदी का काम पूरा हो चुका है। वहीं अगले 20 हजार वाले टेंडर की मंजूरी नहीं आने तक वित्त व ठेका कमेटी की बैठक में 5 हजार नए कुत्तों की नसबंदी शुरू करवाई गई है।

    शहर में रोजाना आवारा कुत्तों के काटने के केसों को देखते हुए यह फैसला लिया गया था। कुत्तों की नसबंदी के लिए प्रति डॉग 902 रुपए दिए जा रहे हैं। वहीं फतेहगढ़ शुक्रचक्क एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में टीम पहले ही निरीक्षण कर जा चुकी है।

    आवारा कुत्तों के आतंक की बात करें तो सबसे ज्यादा अंदरून शहर से शिकायतें आ रही हैं। जिसमें मजीठ मंडी, शक्ति नगर, नमक मंडी, भड़भूजियां बाजार, दाल मंडी, स्वांक मंडी, कटड़ा सफेद मेंकुत्तों की टोलियां आए दिन लोगों को शिकार बना रही हैं। इसके अलावा बाहरी इलाकों हाउसिंग बोर्ड कालोनी, मजीठा रोड, बटाला रोड व अन्य हिस्सों में गलियों के अंदर आवारा कुत्तों के आतंक से लोग परेशान हैं।

    टीम की तरफ से की गई चेकिंग पर नजर

    -नसबंदी के लिए कितने डाक्टर, फार्मासिस्ट, हेल्पर, ओटी असिस्टेंट इस काम में लगाए गए हैं।
    - नसबंदी के बाद तीन दिन तक कुत्तों को किस हालात में रखा जाता है। उनको दी जाने वाली खुराक, दवाइयों से जुड़ा रिकार्ड ।
    - एक कुत्ते के लिए पिंजरे में 3 बाय 2 फीट की जगह होनी चाहिए, पिंजरों की क्षमता चेक की गई।
    - कुत्तों को फीड सही ढंग से दी जा रही है।
    - कुत्तों के लिए अलग से किचन ।
    - बीमार जानवर के लिए आइसोलेशन चेंबर।
    - पिंजरों के उपर शेड होना चाहिए।
    - जहां कुत्ते रखे, वहां सीसीटीवी कैमरे होने जरूरी।
    - कुत्ते को कहां से उठाया और कहां छोड़ा गया, इसका रिकार्ड चेक किया गया।
    - निगम ने आर्गन काउंट चेकिंग टीम बनाई है, उसमें अपडेट रिपोर्ट तैयार की गई है।
    - मैडीकल वेस्ट सही ढंग से डिस्पोज आफ हो रहा है।