Operation Blue Star की बरसी पर अमृतसर में दोपहर तक रहे बंद बाजार, गोल्डन टेंपल पर सुरक्षा चाक-चौबंद
अमृतसर में ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41वीं बरसी पर तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए पुलिस सतर्क रही। बंद के दौरान शहर किले में तब्दील हो गया था पर बाद दोपहर खुलने लगा। साढ़े सात हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती और कड़ी निगरानी से सुनिश्चित किया गया कि शहर में शांति बनी रहे। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41वीं बरसी पर पिछले कुछ दिन से काफी तनावभरा माहौल था। गर्म ख्यालियों ने शुक्रवार को बंद की घोषणा की हुई थी, ऐसे में किसी तरह की अप्रिय घटना न हो, इससे निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह से तैयार थी।
श्री हरिमंदिर साहिब के आसपास और रास्तों में लगाए गए थे। दोपहर तक महानगर एक अभेद्य किले की तरह दिखा। वाल्ड सिटी के अंदर शहर पूरी तरह बंद रहा जबकि छेहरटा, नारायणगढ़, नाइयां वाला मोड़, वेरका, सुल्तानविंड रोड बाद दोपहर धीरे-धीरे खुलना शुरू हो गया। शाम पांच बजे तक पर्यटक व श्रद्धालु श्री हरिमंदिर साहिब को जाने वाले रास्तों पर दिखने लगे थे।
पुलिस ने बंद को लेकर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हुए थे। साढ़े सात हजार से ज्यादा पुलिस कर्मी शहर की सड़कों पर सुरक्षा के मद्देनजर तैनात थे। मंशा यही थी कि गुरुनगरी में किसी तरह का माहौल खराब नहीं होना चाहिए। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर खुद चप्पे चप्पे का जायजा ले रहे थे।
यही नहीं, अति संवेदनशील व संवेदनशील बताए जाने वाले इलाकों में डीसीपी, एसपी और एसपी स्तर के अधिकारियों से वह पल-पल की रिपोर्ट ले रहे थे। शहर में 40 डीएसपी और 21 एसपी स्तर के अधिकारी तैनात रहे। अन्य राज्यों या जिलों से आने वाले लोगों पर कड़ी निगरानी के लिए शहर के प्रवेश और निकास द्वारों पर नाकाबंदी कर दी गई थी।
खासकर जीटी रोड पर स्थित गोल्डन गेट के पास, पठानकोट-अमृतसर बाईपास (वेरका), तरनतारन-अमृतसर रोड और अटारी अमृतसर रोड पर पुलिस हरेक वाहन की चेकिंग कर रही थी। पुलिस ने श्री हरिमंदिर साहिब जाने वाले रास्तों पर 20 नाके लगाए गए थे।
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