Street Vendors: पंजाब में रेहड़ी वालों से वेंडिंग फीस लेने के तरीके में हो गया बदलाव, नए नियम लागू
अमृतसर नगर निगम ने 1 सितंबर से रेहड़ी वालों पर 1000 रुपये और चौपहिया वाहनों पर 2000 रुपये मासिक वेंडिंग फीस लगाने का निर्णय लिया है। प्रत्येक रेहड़ी को एक यूआईडी नंबर मिलेगा। स्थान परिवर्तन की सूचना निगम को देनी होगी। इस कदम का उद्देश्य यातायात व्यवस्था में सुधार लाना है। प्रधानमंत्री स्व निधि योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण आवश्यक है।

सतीश शर्मा, अमृतसर। नगर निगम ने 1 सितंबर से हर रेहड़ी पर 1 हजार रुपए और चौपहिया वाहनों में खाने-पीने का सामान या अन्य वस्तुएं बेचने वाले से दो हजार रुपए मासिक वेंडिंग फीस लगाई है। जिसमें वेंडिंग फीस या जुर्माना वसूलने के बाद संबंधित को आनलाइन रसीद जारी की जाएगी। इस रसीद में हर रेहड़ी को पक्का यूनीक आइडेंटिफिकेशन (यूआईडी) नंबर दिया जाएगा।
पंजाब म्यूनिसिपल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट कारपोरेशन ( पीएमआईडीसी) की तरफ से इसके लिए 15 दिन में साफ्टवेयर तैयार कर दिया जाएगा। वहीं अगर कोई रेहड़ी वाला किसी अन्य जगह पर शिफ्ट करता है तो उसे नई लोकेशन की जानकारी निगम को देनी होगी। जिसमें उसकी नई लोकेशन को साफ्टवेयर में अपडेट किया जाएगा।
रेहड़ियों को व्यवस्थित करके ट्रैफिक व्यवस्था सुधारी जाएगी
नगर निगम मौजूदा रेहड़ियों को व्यवस्थित करना चाह रहा है। इसका मकसद ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारना है। वहीं एक बार रेहड़ी वालों को नगर निगम दफ्तर आकर अपनी जानकारी साफ्टवेयर में दर्ज करवानी होगी। इसमें उसका नाम, लोकेशन, आधार नंबर वगैरह की जानकारी फीड होगी। इसमें जोन वाइज डाटा तैयार किया जाएगा। वहीं यह सारी जानकारी आनलाइन दर्ज करने के लिए हेल्प डेस्क बनाने की योजना बनाई जा रही है।
स्व: निधी में लोन के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगी
प्रधानमंत्री स्व: निधि योजना टू भी शुरू हो चुकी है। जिसमें अब रेहड़ी वालों को बिना ब्याज के लोन देने की राशि बढ़ा दी गई है। इसके लिए रेहड़ी वाले से स्ट्रीट वेंडिंग सर्टिफिकेट मांगा जाना है. ऐसे में रेहड़ी वालों को इस योजना का फायदा उठाने के लिए भी निगम के पास रजिस्टर्ड होना पड़ेगा।
9 साल से सर्वे नहीं हुआनिगम हद में वर्तमान में 10 वेंडिंग जोन चल रहे हैं। वहीं निगम किसी रेहड़ी, फड़ी या चौपहिया वाहनों में फूड सर्विंग को लेकर कोई फीस या जुर्मामना नहीं वसूल रहा था। वर्ष 2016 में रेहड़ियों का सर्वे करवाया गया था। जिसमें 13 हजार फिक्सड और 7 हजार मूवेबल वेंडर होने की बात सामने आई थी। वहीं 9 सालों में अब इनकी तादाद काफी बढ़ चुकी है। अब नए सिस्टम के तहत शहर के हर हिस्से में लगने वाली रेहड़ियों का डाटा निगम के पास दर्ज हो जाएगा। शहर में 122 नो वेंडिंग जोन बनाए गए थे।
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