पंजाब में चौक-चौराहों से भिखारी गायब, अब रेलवे स्टेशन-बस स्टैंड और धार्मिक स्थल बने टारगेट
पंजाब सरकार के जीवन ज्योत अभियान के चलते अमृतसर के चौक-चौराहों से भिखारी गायब हो गए हैं। जिला प्रशासन और चाइल्ड प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए भिखारियों को हटाया। विशेषकर बच्चों से करवाई जा रही भिक्षावृत्ति को रोकने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। अगले चरण में धार्मिक स्थलों पर भी जांच की जाएगी।

हरदीप रंधावा, अमृतसर। पंजाब सरकार की ओर से धार्मिक व पर्यटन के लिहाज से अहम शहरों को भिखारियों के मुक्त करने को लेकर चलाए गए जीवन ज्योत अभियान का असर दिखाई देने लगा है।
जिला प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई के बाद फिलहाल चौक-चौराहों के भिखारी पूरी तरह से गायब हो चुके हैं। अगले चरण में विभाग धार्मिक स्थलों पर दस्तक देकर हालातों को खंगालेगा। इसे लेकर रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
बता दें कि पंजाब सरकार के आदेश के बाद पिछले सप्ताह से भिखारी मुक्त समाज बनाने के लिए डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट (डीसीपीडी) द्वारा सहयोगी विभागों की टीम की मदद से 22 के करीब बच्चों का रेस्क्यू किया था।
इसका मकसद सरकार के जीवन ज्योत प्रोजेक्ट के तहत विशेषकर बच्चों से करवाई जा रही भिक्षावृत्ति पर पूरा विराम लगाना है। सरकार द्वारा सख्ती से उठाए गए कदम से शहर में खासा असर भी देखने को मिल रहा है।
अब डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटक्शन डिपार्टमेंट (डीसीपीडी) ने 24 घंटों में किसी भी समय औचक चेकिंग करने की रणनीति बनाई है, जिसमें शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व धार्मिक स्थल मुख्य तौर पर लक्ष्य होंगे। सरकारी आदेशों से पहले ज्यादातर भिखारी शहर के प्रमुख चौकों पर अपने बच्चों द्वारा सामान बेचने की आड़ में भीख मांगते थे।
लाल बत्ती पर ही शहर के सिविल लाइन एरिया में मार्केट में लगातार इनकी संख्या बढ़ती जा रही थी, जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई थी और शहर का अक्स भी खराब कर रही थी।
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