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    Terror Attack in Srinagar: 'फायरिंग की खबर सुन करने लगे थे दुआ, लेकिन...', श्रीनगर टेरर किलिंग में मारे गए अमृतपाल के परिजनों का छलका दर्द

    Terror Attack in Srinagar श्रीनगर में बुधवार को हुई टारगेट किलिंग (Terror Killing) में अजनाला के गांव चम्यारी अमृतपाल सिंह की मौके पर मौत हो गई जब​कि घायल रोहित मसही ने उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। अमृतपाल कारपेंटर का काम करता था जब​कि रोहित हेल्पर के तौर पर काम के लिए मंगलवार को ही यहां से गुरदासपुर के ठेकेदार के कहने पर गए थे।

    By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 08 Feb 2024 03:53 PM (IST)
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    Terror Attack in Srinagar: श्रीनगर टेरर किलिंग में मारे गए अमृतलाल के परिजनों का छलका दर्द

    जेएनएन, अमृतसर। श्रीनगर में बुधवार को हुई टारगेट किलिंग में अजनाला के गांव चम्यारी अमृतपाल सिंह की मौके पर, जब​कि घायल रोहित मसही ने उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। श्रीनगर के शल्ला कदल इलाके में आतंकियों की गोली का शिकार हुए 31 वर्षीय अमृतपाल सिंह और 25 वर्षीय रोहित मसीह की मृत्यु की सूचना पाकर घर परिवार ही नहीं गांव में मातम छाया हुआ है।

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    कारपेंटर का काम करता था अमृतपाल

    अमृतपाल कारपेंटर का काम करता था, जब​कि रोहित हेल्पर के तौर पर काम करता था। मंगलवार को ही मृतक यहां से गुरदासपुर के ठेकेदार के कहने पर गए थे, दोनों बचपन के दोस्त थे। रोहित घरों में पेंट करने का काम करता था। अमृतपाल पहले भी श्रीनगर में कारपेंटर का काम कर चुका है और इस बार काम आया तो हेल्पर के तौर पर वह रोहित को साथ ले गया। देर रात दोनों की मृत्यु का समाचार पाकर दोनों परिवारों का बुरा हाल था।

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    अमृतपाल पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे

    दाएं ओर अमृतपाल, बाएं ओर रोहित

    परिवार वालों को जब श्रीनगर में अमृतसर के युवकों को आतंकियों द्वारा गोली मारने का पता चलता तो वह अपने बच्चों की सलामती की दुआ करने लगे। तब तक उन्हें भी नहीं पता था कि जिन्हें गोली लगी है, वह उनके बच्चे है। अमृत पांच भाई बहनों के परिवार में सबसे छोटा था, जबकि रोहित की छोटी बहन ग्यारहवीं में पढ़ रही है और वह खुद बारहवीं तक पढ़ने के बाद परिवार की मदद के लिए काम में जुट गया था।

    गांव में पहुंचा शव

    श्रीनगर में आतंकियों की टारगेट किलिंग का शिकार हुए अजनाला के चमियारी गांव के अमृतपाल सिंह का शव उसके गांव पहुंची। सरकार ने 50 हजार रुपए कैश और एक लाख का चैक मदद के अमृतपाल के परिवार को दिया है।

    बॉडी पर नहीं दिख रहा गोली का निशान

    अमृतपाल के घरवालों का कहना कि इसकी बॉडी पर कोई गोली का निशान नहीं है इसकी मौत का कारण कोई और है इसलिए हम संस्कार नहीं करेंगे। घर वालों का आरोप है कि अभी तक कोई भी उच्च अधिकारी तहसीलदार के अलावा जहां पर नहीं पहुंचा है इसके कारण घर वालों में काफी रोष पाया जा रहा है। 

    बेटे को दी मुखाग्नि

    पिता सुरमुख सिंह ने दी अपने बेटे अमृतपाल सिंह को मुखाग्नि। संस्कार में पूरा गांव शामिल हुआ। शव यात्रा में पाठी सिंह की भी अरदास करने के बाद आंखें नम हुई।

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