Amritsar: 12 साल के बच्चे का गुरु नानक देव अस्पताल में चल रहा था इलाज, समय पर रक्त नहीं मिलने से मौत
थैलेसीमिया से पीडि़त 12 वर्षीय बच्चे को समय पर रक्त नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई। ब्लड बैंक में हमेशा ही रक्त की कमी का हवाला दिया जाता रहा है। कई बार ऐसा हुआ कि रक्त नहीं दिया जाता। (जागरण फोटो)

नितिन धीमान,अमृतसर। सेहत विभाग की सरकारी कुव्यवस्था एक बार फिर से बेपर्दा हो गई है। यह घटना सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े कर रही है। थैलेसीमिया से पीडि़त 12 वर्षीय नमन रोग से तो जंग लड़ता रहा, पर सरकारी अस्पताल की कुव्यवस्था से वह जिंदगी हार गया। समय पर रक्त नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई। नमन का उपचार गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) में चल रहा था।
रक्त के लिए पूरा दिन करना पड़ता है इंतजार
बेरी गेट निवासी नमन कपूर के पिता विक्रांत कपूर के अनुसार ब्लड बैंक में हमेशा ही रक्त की कमी का हवाला दिया जाता रहा है। कई बार ऐसा हुआ कि रक्त नहीं दिया जाता। पूरा-पूरा दिन इंतजार करने को कहा जाता था। 15 जनवरी को भी वह नमन को लेकर ब्लड बैंक पहुंचे।
स्टाफ ने कहा कि आज रक्त नहीं मिलेगा, क्योंकि उपलब्ध नहीं है। फिर उन्होंने अमृतसर थैलेसीमिया सोसायटी के अध्यक्ष सतनाम सिंह को फोन कर रक्त उपलब्ध करवाने की गुहार लगाई। सतनाम ने ब्लड बैंक में फोन किया तब जाकर रक्त मिला। यह स्थिति उनके समेत कई अन्य बच्चों के अभिभावकों के साथ भी हुई है।
अन्य जगहों पर भी है यही समस्या
अमृतसर के अलावा तरनतारन, पठानकोट, दीनानगर, गुरदासपुर आदि क्षेत्रों से आने वाले थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को समय पर रक्त नहीं मिलता है। इस वजह से बच्चों के शरीर में रक्त की मात्रा कम हो जाती है और यही मौत की वजह बनती है। विक्रांत ने कहा कि उनके बेटे के साथ भी यही हुआ।
विक्रांत कारोबारी हैं। उनके दो बेटे थे और अब एक ही रह गया है। जीएनडीएच के वाइस प्रिंसिपल डा. जेपी अत्री ने कहा कि वह इस संबंधी ब्लड बैंक के स्टाफ से जवाब तलब करेंगे। आखिर थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को रक्त क्यों नहीं मिला, इसकी जांच होगी।
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