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    'पैरोल रोकने पर सिखों से भेदभाव साबित...', सांसद अमृतपाल की जमानत को लेकर बोले अकाल तख्त जत्थेदार

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 02:52 PM (IST)

    अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने अमृतपाल सिंह की पैरोल पर पंजाब सरकार के इनकार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकारों को कानूनी अधिकार देने से पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने बंदी सिखों को रिहा करने की भी मांग की और सरकार पर धार्मिक मामलों में दखलअंदाजी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सिखों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

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    अमृतपाल सिंह की पैरोल से इनकार करने पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने प्रतिक्रिया दी (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, अमृतसर। खडूर साहिब से सांसद व खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की पैरोल पर पंजाब सरकार की तरफ से इनकार करने पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने प्रतिक्रिया दी है।

    उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकारों को कानून अधिकार देने से पीछे नहीं हटना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय सरकार के समक्ष बंदी सिखों को रिहा करने की भी मांग रखी है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अंतरिम कमेटी की बैठक के समय गोल्डन टेंपल पहुंचे ज्ञानी कुलदीप सिंहगड़गज ने कहा कि किसी के भी कानूनी हकों को रोकना नहीं चाहिए और वे देने चाहिए।

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    कानून तो सभी के लिए बराबर है। अगर सांसद अमृतपाल सिंह का कानूनी हक है तो उसे रोकना नहीं चाहिए। कानून सभी को बराबर देखता है तो सरकारों को भी सभी को बराबर देखना चाहिए।गौरतलब है कि सांसद अमृतपाल सिंह की तरफ से लोकसभा सांसद की शीतकालीन सत्र का हिस्सा बनने केलिए पैरोल की मांग की गई थी।

    लेकिन, अमृतसर डीसी की तरफ से सुरक्षा का हवाला देते हुएऐसा करने से मना कर दिया गया है। बंदी सिखों को रिहा किया जाना चाहिएज्ञानी गड़गजने कहा कि सरकार पंजाब व सिखों के साथ भेदभाव करती आई है।

    लेकिन, सिख अपनी आवाज हमेशाबुलंद करते आए हैं। बंदी सिखों को रिहा किया जाना चाहिए। वहीं, उन्होंने सरकार के धार्मिकमामलों में दखलअंदाजी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकारें पहले भी ऐसा करतेआए हैं।

    लेकिन सिख धर्म उन्हें रोकने में समर्थ है। पहले भी शताब्दियां निकल कर गईहैं, लेकिन उन्होंने मनाई नहीं। अब 2027 के चुनाव पास आ गए हैं तो इन्हें शताब्दी कीयाद आ गई। कुछ अच्छे काम भी किए हैं, करोड़ों रुपए खर्च कर सड़क बनाइ गई है। सरकारोंको चाहिए कि वे प्रगति के कामों पर ध्यान दें।