'बेटे के आने की खुशी या कर्ज में डूबने का शोक', दर्द बयां कर रो पड़ी महिला; बोली- डिपोर्ट ने दिया गहरा जख्म
बेटे के आने की खुशी मनाएं या कर्ज में डूबने का शोक मनाएं यह दुविधा बलविंदर कौर के सामने है। बेटा सकुशल आ गया है लेकिन कर्ज का बोझ उन्हें चिंतित कर रहा है। गुरजिंदर सिंह अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों में से एक है। घर की गरीबी दूर करने के लिए वह विदेश गया था लेकिन ट्रेवल एजेंट ने उसे अवैध तरीके से भेजा।
सुरजीत देवगण, अमृतसर। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि बेटे के आने की खुशी मनाएं या फिर कर्ज में डूबने का दर्द बयां करें। बेटा सकुशल आ गया, यह हमारे लिए अच्छी खबर है, पर कर्ज कैसे उतारेंगे यह चिंता का विषय है। यह कहते हुए बलविंदर कौर की आंखें छलक आईं।
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों में राजासांसी विधानसभा क्षेत्र के गांव भुल्लर का युवक गुरजिंदर सिंह भी शामिल है। वह घर की गरीबी दूर करने के लिए घर से बाहर गया था। ट्रेवल एजेंट के माध्यम से विदेश गए गुरजिंदर को नहीं मालूम था कि उसे अवैध तरीके से भेजा जा रहा है। कई महीनों तक भटकने के बाद वह अमेरिका पहुंचा और फिर पकड़ा गया।
'जमीन भी बेची और कर्ज भी लिया'
गुरजिंदर की मां बलविंदर कौर ने बताया कि पति की मृत्यु हो चुकी है। बेटा बारहवीं पास करने के बाद घर की गरीबी मिटाने के लिए विदेश गया था। ट्रेवल एजेंट ने पचास लाख रुपये लिए। हमने जमीन बेची और कर्ज भी लिया। अपने देश से निकलकर गुरजिंदर कौर एक वर्ष तक भटकता रहा।
कभी जंगल में रहा तो कभी फुटपाथ पर। पंद्रह दिन पहले वह किसी तरह अमेरिका में प्रवेश कर गया, लेकिन स्थानीय पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
आज पता चला कि उसे वापस भेजा जा रहा है। पंजाब सरकार से विनती है कि बेटे की नौकरी का प्रबंध करे, ताकि सिर पर चढ़ा कर्ज उतारा जा सके और बेटियों की शादी कर सकें।
डिपोर्ट मामले में हुई पहली गिरफ्तारी
अमेरिका से डिपोर्ट हुए पटियाला के रहने वाले 44 वर्षीय गुरविंदर सिंह के मामले में एक आरोपित ट्रैवल एजेंट को पटियाला से गिरफ्तार किया गया है। यह पंजाब में धोखे से लोगों को अमेरिका भेजने के मामले में पहली गिरफ्तारी है।
आरोपित की पहचान अनिल बत्रा निवासी शांति नगर टेका मार्केट थानेसर कुरुक्षेत्र (हरियाणा) के रूप में हुई है। पुलिस ने उसे पटियाला के प्रताप नगर स्थित उसके ससुराल घर से पकड़ा है।
आरोपित अनिल बत्रा ने गुरविंदर के लिए सूरीनाम का वीजा व टिकट का इंतजाम किया था और वह एजेंट के संपर्क में था। 14 फरवरी 2025 तक अनिल बत्रा के खाते में छह करोड़ 35 लाख 13610 रुपये मिले और इस बैंक खाते को पुलिस ने सीज करवा दिया है।
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