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    सिख जत्थे के साथ पाकिस्तान गई महिला ने धर्म परिवर्तन कर किया निकाह, SGPC ने सरकार पर बोला हमला

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 01:21 PM (IST)

    श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर पाकिस्तान गए सिख जत्थे से एक महिला के लापता होने और वहां शादी करने की खबर से विवाद हो गया है। एसजीपीसी ने सरकार की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। एसजीपीसी का कहना है कि यात्रियों की पृष्ठभूमि की जांच करना सरकार का काम है और सुरक्षा में ढिलाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जांच प्रणाली को सख्त करने की मांग की है।

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    पाकिस्तान जत्थे में महिला के लापता होने पर एसजीपीसी का सरकार पर हमला, जांच प्रणाली पर उठाए सवाल। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, अमृतसर श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर भारत से पाकिस्तान गए विशेष सिख जत्थे में शामिल एक महिला के लापता होने और बाद में वहीं शादी कर लेने की खबर ने विवाद खड़ा कर दिया है।

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    इस पूरे मामले में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की जांच प्रक्रिया पर ठीकरा फोड़ा है। एसजीपीसी के सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि यह घटना केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरी कौम की छवि को ठेस पहुंचाने वाली है।

    एसजीपीसी के सदस्यों द्वारा पाकिस्तान जाने वाले श्रद्धालुओं की सिफारिश की जाती है। इस महिला के साथ आठ अन्य श्रद्धालुओं को जत्थे में भेजने की सिफारिश भी एक मेंबर नहीं की थी। एसजीपीसी का कार्य केवल श्रद्धालुओं की सूची तैयार करके सरकार को भेजना है।

    यात्रियों की पृष्ठभूमि की जांच करना एसजीपीसी का नहीं बल्कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का दायित्व है। उन्होंने बताया कि जत्थे के सदस्यों के मुताबिक महिला करीब आठ दिनों तक जत्थे के साथ रही, लेकिन उसने न तो किसी रिश्तेदार से मिलने की बात बताई और न ही अपने किसी निजी निर्णय का कोई संकेत दिया।

    यदि महिला पहले से किसी से ऑनलाइन संपर्क में थी या उसके इरादों को लेकर कोई आशंका थी, तो यह जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि कई बार संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले यात्रियों को बार्डर पार करने से पहले ही रोका जाता रहा है, इसलिए अगर जांच ठीक से होती तो महिला को भी समय रहते रोका जा सकता था।

    प्रताप सिंह ने कहा कि महिला द्वारा पाकिस्तान में शादी करने की खबर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे परिवार के साथ-साथ सिख समुदाय की भी बदनामी होती है। जत्थे का हर सदस्य सिख कौम का प्रतिनिधि होता है, और किसी भी व्यक्तिगत निर्णय का असर पूरी कौम की प्रतिष्ठा पर पड़ता है।

    सचिव ने सरकार से मांग की कि पाकिस्तान यात्रा से संबंधित जांच प्रणाली को और सख्त किया जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति जत्थे की धार्मिक यात्रा का गलत उपयोग न कर सके। उन्होंने कहा कि सरकार भले ही वीजा और अन्य औपचारिकताओं में उदारता दिखाए, लेकिन सुरक्षा जांच में किसी प्रकार की ढिलाई स्वीकार नहीं की जा सकती। उन्होंने ने दोहराया कि वह इस मामले में कहीं भी अपनी गलती नहीं मानते।