वाघा बॉर्डर पर करंट लगने से हुई थी व्यक्ति की मौत, अब हाईकोर्ट ने 12 साल बाद केंद्र को 60 लाख मुआवजा देने का दिया आदेश
वाघा बॉर्डर पर करंट लगने से हुई एक व्यक्ति की मौत के मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को 60 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। ...और पढ़ें

वाघा बॉर्डर पर करंट लगने से हुई मौत मामले में केंद्र सरकार पीड़ित परिवार को देगा 60 लाख का मुआवजा।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। वाघा बॉर्डर पर बिजली करंट लगने से हुई एक व्यक्ति की मौत के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को पीड़ित परिवार को 60 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सीमा क्षेत्र में सुरक्षा और बिजली आपूर्ति से संबंधित लापरवाही किसी भी हाल में स्वीकार नहीं की जा सकती।
दरअसल, साल 2013 में 32 वर्षीय शिक्षक सतेंदर कुमार अटारी-वाघा बॉर्डर पर पहुंचे थे। यहां बीएसएफ कैंप के पास करंट फैलने से वे बुरी तरह झुलस गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि सतेंदर कुमार एक गड्ढे में गिरे, जिसके बाद उन्हें बिजली करंट का तेज झटका लगा। इस घटना ने सीमा क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे।
हाईकोर्ट ने की सख्त टिप्पणियां
पीड़ित के परिवार ने 2023 में मुआवजे की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि बॉर्डर इलाकों में बिजली और सुरक्षा मानकों का पालन होना बेहद जरूरी है। सरकार बिजली आपूर्ति करने वाली एजेंसियों की जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती। पीड़ित परिवार को लापरवाही के चलते हुए नुकसान के लिए उचित राहत मिलनी चाहिए।
सरकार की दलीलें हाईकोर्ट ने खारिज कीं
केंद्र सरकार ने तर्क दिया कि घटना दुर्घटनावश हुई थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि सीमा क्षेत्र में सुरक्षा मानकों की कमी दुर्घटना का कारण बनी और इसे साधारण हादसा नहीं माना जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार पीड़ित परिवार को 60 लाख रुपये का मुआवजा अदा करे। यह राशि 8 सप्ताह के भीतर जारी की जाए।

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