Punjab News: पंजाब में 3 महीनों में 87 गर्भवती महिलाओं की मौत; एक नाबालिग भी शामिल; व्यवस्था पर उठ रहें सवाल
Punjab News राज्य में सरकार के चिकित्सा तंत्र में सुधारों की आवश्यकता महसूस हो रही है। राज्य में गर्भवती महिलाओं की मृत्युदर में कोई कमी नहीं आ रही। संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित कर रही सरकार मौतों के आंकड़ों में कमी लाने में नाकाम साबित हुई है। राज्य के 4 जिलों की 40 गर्भवती महिलाओं की मौत हुई। इस कड़ी में सर्वाधिक मौतें अमृतसर में 16 हैं।
नितिन धीमान, अमृतसर। सरकार के चिकित्सा तंत्र में सुधारों की आवश्यकता महसूस हो रही है। राज्य में गर्भवती महिलाओं की मृत्युदर में कोई कमी नहीं आ रही। संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित कर रही सरकार मौतों के आंकड़ों में कमी लाने में कोई संजीदगी नहीं बरत रही है।
सरकारी अस्पतालों में प्रसव के दौरान अथवा कुछ समय बाद गर्भवती महिलाओं की मृत्यु हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल से जून माह में राज्य में 87 गर्भवती महिलाओं की मौत हुई।
अमृतसर में अधिक मौतें
राज्य के 4 जिलों की 40 गर्भवती महिलाओं की मौत हुई। इस कड़ी में सर्वाधिक मौतें अमृतसर में 16 हैं। वहीं तरनतारन में यह संख्या 10 है तो फिरोजपुर व गुरदासपुर में यह संख्या 7 है।
अमृतसर में सभी 16 गर्भवतियों की मौत सरकारी मेडिकल कालेज स्थित स्त्री रोग विभाग में हुई है। इनमें से 8 गर्भवतियों की मौत प्रसव के बाद हुई, जबकि शेष आठ की प्रसव के दौरान मौत हुईं।
गर्भवती महिलाओं की मौत की फहरिस्त में नाबालिग भी शामिल
इन मौतों में 4 महिलाओं की मौत की वजह ही मेडिकल कॉलेज का स्त्री विभाग बता पाया है। यह खून की कमी व नवजात के गर्भपात के कारण हुई हैं। इन गर्भवती महिलाओं में से 17 साल की नाबालिग भी शामिल है।
तरनतारन जिले में 10 गर्भवती महिलाओं में से 2 महिलाओं ने निजी अस्पताल में दम तोड़ा। चार महिलाओं ने सरकारी मेडिकल कालेज अमृतसर में आखिरी सांस ली। एक महिला की मौत दयानंद मेडिकल कालेज लुधियाना में हुई। वहीं एक महिला ने घर में जान गंवा दी। एक अन्य महिला ने अमृतसर स्थित गुरु रामदास अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ा।
उपचार के दौरान तोड़ रहीं महिलाएं दम
इसी प्रकार फिरोजपुर जिले में हुई सात मौतों एक घर में हुई, जबकि दो महिलाओं की मौत घर से अस्पताल ले जाते समय हुई। वहीं तीन मौतें सरकारी मेडिकल कालेज स्थित स्त्री रोग विभाग में हुई है। एक मौत दयानंद मेडिकल कालेज में रिपोर्ट हुई है।
गुरदासपुर में रिपोर्ट हुईं सात मौतों में से तीन महिलाओं ने अमृतसर स्थित सरकारी मेडिकल कालेज में उपचार के दौरान दम तोड़ा। एक महिला की मौत अमृतसर स्थित निजी अस्पताल में हुई। वहीं दो महिलाएं घर में दम तोड़ गई। एक गर्भवती महिला की मौत घर से अस्पताल ले जाते समय हो गई।
तीन माह में 87 महिलाओं ने तोड़ा दम
इन सभी मौतों में से कुछेक की मौत का कारण उपरोक्त अस्पताल बता सकते हैं। अधिकांश मौतों की वजह खून की कमी, अनियमितत रक्तचाप, हृदयघात, ब्रेस्ट कैंसर बताए गए हैं। बहरहाल, यह चिंता का विषय है कि तीन माह में 87 गर्भवती महिलाएं दम तोड़ गईं।
स्वास्थ्य विभाग ने उपरोक्त चार जिलों के सिविल सर्जनों को पत्र जारी कर मौत के कारणों की पूरी पड़ताल के साथ रिपोर्ट मांगी है। स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर ने सिविल सर्जनों से इन मौतों की समीक्षा और विश्लेषण करने को कहा है। यह भी पूछा गया है कि किन कमजोरियों की वजह से ये मौतें हुईं। मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए मजबूत कार्य योजना भी विभाग ने मांगी है।
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