25 महिलाएं, 12 नाबालिग और एक चार साल का बच्चा... अमेरिका से निकाले गए भारतीयों में किस उम्र के ज्यादा लोग
अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आज दोपहर अमेरिका का एक सैन्य विमान उतरा जिसमें 104 अवैध भारतीय अप्रवासी थे। इनमें 30 लोग हरियाणा 30 गुजरात और 30 पंजाब के थे जबकि दो-दो लोग उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ से थे। इस जत्थे में तीन महाराष्ट्र से भी थे। विमान में 25 महिलाएं और 12 नाबालिग भी थे।
एजेंसी, अमृतसर। पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था उस दौरान और बढ़ गई जब दोपहर करीब 2 बजे अमेरिका का एक सैन्य विमान हवाई पट्टी पर उतरता दिखा। आज दोपहर 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों के पहले जत्थे को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर पहुंचा। इस विमान में 30 लोग हरियाणा, 30 गुजरात और 30 ही लोग पंजाब के थे।
अमेरिका का सैन्य विमान सी-17 विमान कड़ी सुरक्षा के बीच श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। इस जत्थे में दो लोग उत्तर प्रदेश और दो ही लोग चंडीगढ़ के थे, जबकि तीन महाराष्ट्र से थे। निर्वासितों में 25 महिलाएं और 12 नाबालिग भी शामिल हैं, जिनमें सबसे कम उम्र का यात्री सिर्फ चार साल का था।
अड़तालीस लोग 25 वर्ष से कम उम्र के हैं। मंगलवार को टेक्सास से उड़ान भरने वाले इस विमान में 11 चालक दल के सदस्य और निर्वासन प्रक्रिया की निगरानी करने वाले 45 अमेरिकी अधिकारी भी थे।
पंजाब में इन जिलों के रहने वाले थे लोग
पंजाब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य से निर्वासित ज्यादातर लोग गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, जालंधर, नवांशहर, पटियाला, मोहाली और संगरूर के हैं उन्हें टेक्सास के सैन एंटोनियो से उड़ान भरने वाले सी-17 विमान से वापस भेजा गया। यह अवैध अप्रवासियों के निर्वासन का पहला दौर था।
वहीं, अगले सप्ताह पीएम नरेंद्र मोदी भी अमेरिकी यात्रा पर जाएंगे। डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी की यह पहली यात्रा होगी। विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने पहले कहा था कि नई दिल्ली अमेरिका सहित विदेशों में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों की 'वैध वापसी' के लिए तैयार है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले महीने प्रेसकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा था कि इतिहास में पहली बार, हम अवैध विदेशियों का पता लगा रहे हैं और उन्हें सैन्य विमानों में द्वारा वापस उनके उन स्थानों पर ले जा रहे हैं, जहां से वे वापस आए थे।
अमेरिका के फैसले से निराश मंत्री
पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने भारतीयों को निर्वासित करने के अमेरिकी फैसले पर निराशा व्यक्त की है, उन्होंने कहा कि उन्होंने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है और उन्हें निर्वासित करने के बजाय स्थायी निवास दिया जाना चाहिए था।
प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, भारत से लगभग 7,25,000 अवैध अप्रवासी अमेरिका में रहते हैं, जो मैक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद अनधिकृत अप्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी है।
पंजाब के कई लोग, जो अब निर्वासन का सामना कर रहे हैं, लाखों रुपये खर्च करके 'डंकी मार्ग" या अन्य अवैध तरीकों से अमेरिका में प्रवेश कर गए थे। ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी प्रशासन ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।