आयुर्वेद प्राचीन चिकित्सा पद्धति, जिसमें हर मर्ज की दवा
जागरण संवाददाता, अमृतसर आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति दुनिया की सबसे प्राचीनतम पद्धति है। भगवान श्री
जागरण संवाददाता, अमृतसर
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति दुनिया की सबसे प्राचीनतम पद्धति है। भगवान श्री धन्वंतरि जी इस पद्धति के जनक हुए और आज पूरी दुनिया इस पद्धति को अपनाकर अपना मर्ज दूर कर रही है। मंगलवार को भगवान श्री धन्वंतरि जी का जन्मदिवस शहर में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर खूह सुनियारा हवेली जमादार में स्थित श्री मालवीय आयुर्वेदिक फ्री औषधायल में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
प्रधान राजीव सोढी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में सभी सदस्यों ने हवन यज्ञ में आहुतियां अर्पित कीं। हवन यज्ञ के मुख्य यजमान रोमी चोपड़ा बने। संपूर्ण आहुति डालने के बाद औषधालय के डॉ. अजय अरोड़ा ने कहा कि आयुर्वेद के सिद्धांत हमेशा ही मनुष्य की प्रकृति के अनुकूल रहे हैं। इस प्राचीन पद्धति से आज भी दुनिया पूरा लाभ उठा रही है और भविष्य में भी उठाती रहेगी। आयुर्वेद का अर्थ ही आयु का विज्ञान है, जिसमें रोगों से बचने के लिए नियम हैं। यदि रोग आ ही जाए तो उसका जड़ से नाश करने के लिए विस्तार से देवी दवाओं के बारे में उल्लेख किया गया है। देसी जड़ी बूटियों से तैयार दवाओं का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। आज के समय में आयुर्वेद दवाओं का ही सेवन करना चाहिए।
प्रधान राजीव सोढी ने समस्त समाज से अपील की कि चाहे रोग कितना भी असाध्य क्यों न हो, आयुर्वेद में इसका निदान है। कैंसर, शुगर, किडनी, लकवा आदि का उपचार बेहद सरल और सटीक होता है। अभी कुछ दिन पूर्व ही डॉ. सुधांशु के विचार में किडनी और लकवा के बारे में लिखा है कि इनका आयुर्वेद में सफल इलाज है। मालवीय औषधायल में आयुर्वेदिक पद्धति से मरीजों का उपचार किया जाता है। इसके अतिरिक्त दंत रोगों का भी पूर्ण निदान किया जा रहा है। यहां के डॉक्टर सेवा के लिए प्रयासरत हैं। टच फिजियोथैरेपी से जोड़ों का निशुल्क उपचार किया जा रहा है। इस दौरान पर औषधालय की ओर से सरस्वती प्राइमरी स्कूल मजीठ मंडी के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए कापियां व पेन वितरित किए गए। इस अवसर पर औषधायल के समस्त ट्रस्टी मोतीराम मल्होत्रा, रमेश दत्त गोपाल, विपिन मेहरा, संजय कपूर, ज्योति बाला, अशोक शर्मा, अशोक मेहरा, सु¨रदर नाथ, जवाहर लाल कपूर, विवेक मेहरा, डॉ. अजय, अशोक शर्मा रोहित कपूर, शशि भूषण खन्ना, सु¨रदर भंडारी आदि उपस्थित थे।
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