मानव के लिए अमूल्य औषधि है योग
संवाद सहयोगी, अमृतसर : आज विश्व योग दिवस है। योग एक ऐसी आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसमें शरीर, मन और
संवाद सहयोगी, अमृतसर : आज विश्व योग दिवस है। योग एक ऐसी आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ा जाता है। ऋषियों-मुनियों की उपज योग का महत्व वर्तमान युग में कई गुणा बढ़ गया है। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में इंसान पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है। इस विकार से शरीर जर्जर होता जा रहा है। इन सबसे निजात पाने का तरीका योग है। कुछ देर के नियमित आसन हमें निरोगी तथा स्वस्थ बना सकता है।
पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी राजकुमार ने बताया कि योग शिविरों में माता श्री शकुंतला देवी, डॉ. विनोद, राज कुमार राजू, हरजिंदर महाजन, विजय आनंद, विनोद खना, बालकिशन, सु¨रदर सिंह, रणबीर, सौरभ आर्य, अशोक शर्मा, वीके सभ्रवाल, सु¨रदर अग्रवाल, रमन भारद्वाज व अनिल शोरी लोगों को विभिन्न आसन करवाएंगे। सरूप रानी महिला कॉलेज में रविवार को विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा। सुबह सात बजे छात्राएं कॉलेज प्रांगण में योग साधना करेंगी।
लोक कल्याण समिति द्वारा योग शिविर लगाया गया। समिति के चेयरमैन जगमोहन सिंह की अध्यक्षता में यूथ हॉस्टल नेहरू युवा केंद्र तरनतारन में लगाए गए इस कैंप में यूथ क्लबों के सैकड़ों सदस्यों ने हिस्सा लिया। स्वामी रमेश चोपड़ा ने अलग-अलग योग क्रियाएं करवाई। इस अवसर पर बिक्रम सिंह गिल, रमनदीप कौर, ममता कुमारी एवं राजिंदर कौर उपस्थित थे।
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आश्रम में योग ही साधना
अमृतसर के केंद्र बिंदु गोलबाग स्थित योग साधना आश्रम लोगों को योग के माध्यम से इन विकारों से मुक्त कर रहा है। इस आश्रम में 200 लोग एक साथ योग क्रियाएं करते हैं।
आश्रम में सुबह और शाम योग कक्षाओं में साधक विभिन्न आसनों के जरिये मन-मस्तिष्क को स्वस्थ बना रहे हैं। इनमें मूलाधार चक्र, प्राणायाम, अनुलोम विलोम, मनीपूरक चक्र, सूर्या चक्र, सहास्त्रार चक्र, आज्ञा चक्र, महा मोधरा, छेदन, शीर्षासन, नेती क्रिया, धोती क्रिया, कपाल भाती, तीरतक, सूत्र नेती, बस्ती क्रिया, गणेश क्रिया, त्राटक क्रिया सहित योग की असंख्य क्रियाओं के माध्यम से लोगों को मानसिक तनाव से मुक्त किया जाता है। साथ ही शारीरिक क्षमता भी बढ़ती है। सुबह छह बजते ही साधक यहां पहुंच जाते हैं। इसमें हर आयु वर्ग के लोग सम्मिलित होते हैं।
आश्रम में छह माह से योगासन कर रहे विवेक कुमार ने बताया कि वह एक कॉरपोरेट सेक्टर में नौकरी करते हैं। काम के अत्यधिक बोझ से मानसिक तनाव का शिकार हो गए। आश्रम में आना शुरू किया। विभिन्न क्रियाकलापों से मानसिक व आध्यात्मिकता की अनुभूति हुई। उन्होंने बताया कि वेद शास्त्र और धर्म ग्रंथों में योग की महिमा का वर्णन है। भगवान राम और भगवान श्रीकृष्ण भी योगी हुए और योग का संदेश सारे संसार को दिया। विपिन खोसला निवासी नवांकोट ने बताया कि उनका अपना कारोबार है। सुबह से लेकर शाम तक काम में उलझे रहने के कारण ब्लड प्रेशर व शूगर ने घेर लिया। आश्रम में योगाभ्यास करके धीरे-धीरे ये रोग क्षीण पड़ने लगे हैं। उन्होंने बताया कि आधुनिक युग में योग का महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि हमारी व्यस्तता और भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण मधुमेह, रक्तचाप, सिर-दर्द, कम उम्र में बालों का सफेद होना इत्यादि रोग घेर रहे हैं। कपिल खन्ना ने बताया कि योग आश्रम में आकर सीखा कि हमारा शरीर पांच इन्द्रियों के समन्वय से क्रियाशील है। यदि नाक द्वारा शुद्ध हवा सही ढंग से ली जाए तो शरीर की समस्त इंद्रियां जुड़कर अपना कार्य व्यवस्थित तरीके से करती हैं। प्राणायाम योग की एक बहुत महत्वपूर्ण कड़ी है जिसे अपनाकर हम खुद को निरोगी रख सकते हैं। योग एक ऐसी अमूल्य औषधि है जो बिना मूल्य के इंसान को स्वास्थ्य और आत्मविश्वास प्रदान करती है।
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आश्रम के गद्दीनशीन स्वामी गुरबख्श राय जी के अनुसार रोज करेगा योग, उसे नहीं होगा कोई रोग। योग न केवल शारीरिक क्रियाओं को सही करता है, बल्कि मनुष्य के आध्यात्मिक विकास में भी सहायक है। योग से इंसान अपना ध्यान केंद्रित कर पाता है। नए जोश व नई उमंग का संचार होता है।
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अनुभवी योगी योगेश्वर रामलाल जी
योग का विषय जितना असीम है उतना गहन भी। केवल अनुभवी योगी ही योग का गहराइयों से वर्णन कर सकता है। गुरु नगरी में ऐसे असंख्य योगी हुए जिन्होंने योग के माध्यम से समाज को जोड़े रखा। योगेश्वर रामलाल जी द्वारा शहर के विभिन्न भागों में स्थापित किए गए योग साधना आश्रम में लोग विविध आसनों से तन और मन को निर्मल बना रहे हैं। उनके पश्चात योगेश्वर मुल्खराज जी ने आश्रम का कार्यभार संभाला। 3 नवम्बर 1960 को योगेश्वर मुलखराज जी के ब्रह्मलीन होने के बाद स्वामी रामप्यारा ने यह दायित्व संभाला। उनका लक्ष्य था योग को घर-घर पहुंचाना। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने लगभग 3000 योग शिविर अपने जीवन काल में लगाए जिससे लाखों रोगी निरोगता को प्राप्त हुए तथा असंख्य लोगों को आध्यात्मिकता की अनुभूति हुई। यही नहीं योग के प्रचार एवं प्रसार के लिए उन्होंने अमृतसर, जालंधर, जालंधर छावनी, लुधियाना, नंगल, फिरोजपुर, अबोहर, जम्मू, दिल्ली व साहिबाबाद आदि में योग साधना आश्रमों का प्रारंभ किया। वर्तमान में योग साधना आश्रम का संचालन स्वामी गुरबख्श राय जी महाराज का रहे हैं।
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एक योगी की पाठशाला
योग से ताल्लुक रखने वाले लोगों की गुरु नगरी में कोई कमी नहीं। रानी का बाग स्थित पतंजलि चिकित्सालय का संचालन करने वाले सु¨रदर अग्रवाल निस्वार्थ भाव से लोगों को योग से निरोग होने का तरीका समझा रहे हैं। पिछले तीन वर्षो से इसी चिकित्सालय में सुबह छह बजे योग कक्षाओं का आयोजन करते हैं।
बाबा रामदेव से योग के गुर सीखने वाले सु¨रदर अग्रवाल बताते हैं कि उनके भीतर यह प्रबल इच्छा थी कि लोगों को निरोगी काया देने के लिए कुछ करें। बाबा रामदेव के सानिध्य में आते ही नई ऊर्जा का संचार हुआ। उनसे प्रशिक्षण प्राप्त कर योग क्षेत्र में निपुण हुए। आज उनके पास सैकड़ों लोग योग साधना कर रहे हैं। यह बिल्कुल निशुल्क शिविर है। यहां किसी भी आयु वर्ग का व्यक्ति आ सकता है।
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योग को अपनाएं, रोगों को दूर भगाएं
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सिर्फ तनाव ही नहीं, अपितु रोजमर्रा की जिंदगी में भागदौड़ के कारण लोग सही आहार नहीं ले पाते। फलस्वरूप शरीर में कई विकृतियां घर कर जाती हैं। भूख न लगना, मानसिक कष्ट, कई असाध्य रोगों की जकड़ में इंसान फंस जाता है। दवाओं का सेवन कुछ समय तक इंसान को दुरुस्त कर देता है, पर खोई हुई ऊर्जा पाने का सबसे आसान तरीका है योग।
- डॉ. सुनैना, अमृतसर
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योग क्रिया बेहद सरल है, जिम जाने की तरह ज्यादा कष्टदायक नहीं। कुछ मिनट की योग क्रियाओं से कई असाध्य रोगों से मुक्ति मिल जाती है। योग से मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह हर मर्ज की रामबाण औषधि है।
-पूर्वी, पतंजलि चिकित्सालय रानी का बाग।
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इंसान खुशी को समेटने के लिए इधर-उधर भटक रहा है। वह स्वार्थ, क्रोध, कटुता, ईष्र्या, घृणा आदि को दूर करना चाहता है, पर चाहते हुए भी ऐसा नहीं कर पा रहा। भारतीय जीवन दर्शन में योग का बहुत महत्व है। शारीरिक कष्टों का निदान करने के साथ-साथ यह मनुष्य में बल-बुद्धि और विद्या के गुण विकसित करता है। योग दिवस पर यह प्रण लें कि इस प्राचीन विधा को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएंगे।
राजकुमार राजू, साधक
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