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    फिनायल की गोली टॉफी समझकर खिलाई

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    Updated: Fri, 13 Mar 2015 08:22 PM (IST)

    नितिन धीमान, अमृतसर बटाला का एक घर। 25 दिन पहले पैदा हुई एक बच्ची पालने में झूल रही है। पड़ोसियों

    नितिन धीमान, अमृतसर

    बटाला का एक घर। 25 दिन पहले पैदा हुई एक बच्ची पालने में झूल रही है। पड़ोसियों के बच्चे उसके साथ खेल रहे हैं। बच्चों ने पालने के नीचे एक सफेद रंग की गोल वस्तु देखी। इसे टॉफी समझाकर बच्ची को खिला दिया। चंद मिनटों बाद बच्ची जोर-जोर से रोने लगी। रसोई में खाना बना रही मां ने बच्ची का रोना सुना तो उसके पास पहुंची। बच्ची को सीने से लगाकर काफी देर तक चुप करवाती रही, पर वह रोती ही रही। लगभग आधे घंटे बाद बच्चों ने बताया कि उन्होंने बच्ची को पालने की नीचे पड़ी सफेद रंग की टॉफी खिलाई है। मां समझ गई कि जिस वस्तु को ये बच्चे ट्राफी कह रहे हैं वह तो फिनायल की गोली है।

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    बटाला के गांव कोटला के एक परिवार में जन्मी अस्मित नामक यह बच्ची खेल-खेल में खतरे में चली गई। परिवार के सदस्य बच्ची को लेकर बटाला के निजी अस्पताल में गए। जांच में खुलासा हुआ कि फिनायल की गोली उसकी फूड पाइप में फंसी हुई है। उन्होंने बच्ची को अमृतसर के गुरुनानक देव अस्पताल में रेफर कर दिया। यहां स्थित बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर सेंटर में पीडिएट्रिशियन (सर्जन) न होने के कारण डॉक्टरों ने इलाज करने में असमर्थता जाहिर की। अंतत: वीरवार को बच्ची को बटाला रोड स्थित डॉक्टर मिगलानी अस्पताल में लाया गया। यहां डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी विधि का प्रयोग किया। लगभग ढाई घंटे चली इस प्रक्रिया के बाद बच्ची की फूड पाइप से एक सेंटीमीटर आकार की गोली बाहर निकाली गई। इलाज के बाद अस्मित को आइसीयू वार्ड में रखा गया है।

    डॉ. एचपीएस मिगलानी ने बताया कि गनीमत थी कि फिनायल की गोली पेट तक नहीं पहुंची, अन्यथा किडनी और लीवर को नुकसान पहुंच सकता था।