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    शिवसेना उद्धव गुट ने आदित्य ठाकरे को चुना विधायक दल का नेता, सुनील प्रभु बने चीफ व्हिप

    By Agency Edited By: Sachin Pandey
    Updated: Mon, 25 Nov 2024 03:34 PM (IST)

    Aditya Thackeray शिवसेना यूबीटी ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को विधायक दल का नेता चुना है। आदित्य ने हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में वर्ली से एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मिलिंद देवड़ा को 8801 मतों से हराया था। इसके अलावा उद्धव गुट ने सुनील प्रभु को पार्टी का चीफ व्हिप नामित किया है।

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    आदित्य ने विधानसभा चुनाव में वर्ली सीट से जीत हासिल की है। (File Image)

    पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे को सोमवार को मुंबई में पार्टी विधायकों की बैठक में शिवसेना (यूबीटी) विधायक दल का नेता चुना गया है।

    गौरतलब है कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में वर्ली निर्वाचन क्षेत्र से एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मिलिंद देवड़ा को 8,801 मतों से हराया था।

    कम हुआ है जीत का अंतर 

    पिछले चुनाव 2019 की तुलना में उनकी जीत का अंतर कम हुआ है, जहां यह 67,427 वोट था। पार्टी के वरिष्ठ नेता अंबादास दानवे ने पार्टी विधायकों की बैठक के बाद मीडिया को बताया कि पूर्व मंत्री भास्कर जाधव को राज्य विधानसभा में पार्टी समूह का नेता चुना गया, जबकि सुनील प्रभु को पार्टी का चीफ व्हिप नामित किया गया।

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    विस चुनाव में भाजपा को मिले सबसे अधिक वोट

    बताते चलें कि हालिया महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सबसे अधिक 26.77 प्रतिशत वोट हासिल किया है। उसने 149 सीटों पर चुनाव लड़कर 132 सीटें जीती हैं। कुल 17,293,650 वोट हासिल किए। विधानसभा चुनावों में भाजपा का 132 सीटें जीतना 100 सीटों का आंकड़ा पार करने की हैट्रिक है।

    पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनावों में 122 सीटें और 2019 के चुनावों में 105 सीटें जीती थीं। महाराष्ट्र विधानसभा में 101 सीटों पर लड़ी कांग्रेस ने केवल 16 सीटें जीतीं और 12.42 वोट प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रही। पार्टी को 8,020,921 वोट मिले। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 57 सीटों पर जीत दर्ज की और 12.38 प्रतिशत वोट हासिल किए।

    शरद गुट को अजित गुट से अधिक मत मिले

    खास बात यह है कि कम सीटें हासिल करने वाली शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) को अजित पवार नीत राकांपा से अधिक वोट मिले। राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने 86 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन 11.28 प्रतिशत वोट के साथ केवल 10 सीटें ही जीत पाई। इसके उलट, अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 59 सीटों पर चुनाव लड़कर 41 सीटें जीतीं। उसने 9.01 प्रतिशत वोट हासिल किये।

    उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 20 सीटें जीतीं और पार्टी को 9.96 प्रतिशत वोट मिले। चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार, 20 नवंबर को हुए राज्य विधानसभा चुनावों में 66.05 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो 2019 में 61.1 प्रतिशत था।