Rajasthan: टिड्डी प्रभावित किसानों की आंखों में आंसू, सीएम से बोले-हम तो बर्बाद हो गए
locust attack. किसानों ने सीएम से कहा कि खेती से जितना पिछले चार-पांच साल में नहीं कमाया उससे कहीं अधिक बर्बादी इस साल हो गई।
जागरण संवाददाता, जयपुर। locust attack. पाकिस्तान से आए टिड्डी दल के प्रभाव वाले क्षेत्रों में सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दो मंत्रियों और अधिकारियों के साथ पहुंचे तो किसानों की आंखों में आंसू आ गए। सीएम गहलोत ने जैसे ही किसानों के साथ संवाद शुरू किया तो बुजुर्ग किसानों ने कहा कि हम तो बर्बाद हो गए। किसानों ने सीएम से कहा कि खेती से जितना पिछले चार-पांच साल में नहीं कमाया, उससे कहीं अधिक बर्बादी इस साल हो गई। अब तो रोटी खाना भी मुश्किल हो जाएगा। गहलोत ने सोमवार को पाक सीमा से सटे जैसलमेर, बाड़मेर और सिरोही जिलों का दौरा कर टिड्डी से हुए नुकसान का जायजा लिया।
सीएम ने धनाऊ, रामगढ़ एवं सांचौर में किसानों के साथ संवाद करने के साथ ही कृषि एवं राजस्व विभाग के साथ ही टिड्डी नियंत्रण दल के अधिकारियों के साथ बैठक कर विस्तृत चर्चा की। गहलोत ने कहा कि सोमवार से ही नुकसान की गिरदावरी शुरू करने के आदेश दे दिए गए हैं। गिरदावरी की रिपोर्ट मिलते ही मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने फसल बीमा करा रखा है, उन्हें बीमा कंपनियों से मदद मिल जाएगी। राज्य सरकार अपने स्तर पर पीड़ित किसानों को देगी। गहलोत ने कहा कि मैंने खराबे को देखा है, जिसमें साफ नजर आ रहा है कि टिड्डी किस तरह से फसल को सफा चट कर गई। गहलोत के साथ प्रदेश के कृषिमंत्री लालचंद कटारिया और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर साधा निशाना
केंद्र सरकार एवं पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा कि यदि भारत सरकार समय पर पाकिस्तान सहित अन्य पड़ोसी देशों के साथ संवाद कर टिड्डी नियंत्रण के उपाय करती तो फसल का इतना खराबा नहीं होता। टिड्डी नियंत्रण संघ में भी संसाधनों की कमी है। गहलोत ने बताया कि प्रभावित किसानों की मदद के लिए उन्होंने दो दिन पहले पीएम मोदी को पत्र लिखा है। सांचौर में किसानों ने मुख्यमंत्री से मुआवजे की मांग की। किसानों ने कहा कि जीरे और ईसबोल की फसल खराब हो गई।
परेशान किसान अपने खेत रामभरोसे छोड़ चुके हैं। गहलोत ने कुछ खेतों का जायजा लिया। इसके बाद किसानों से मुलाकात की। महिलाओं ने टिड्डी से हुए नुकसान के बारे में गहलोत को विस्तार से जानकारी दी। किसानों ने गहलोत को बताया कि जुलाई में सबसे पहले टिड्डी हमला हुआ था। उस समय टिड्डी सारी फसल खा गई। अब एक बार फिर टिड्डियों के बड़े समूह ने हमला बोल दिया।