JNU clash: दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर छात्रों का प्रदर्शन
छात्रों के बीच रविवार हुई मारपीट के बाद मामले में तूल पकड़ लिया है। बड़ी संख्या में छात्र दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जेएनयू में रविवार शाम को एबीवीपी व वामपंथी छात्रों के बीच हुए विवाद के बाद कई विश्वविद्यालयों के छात्र देर रात पुलिस मुख्यालय पर पुलिस के खिलाफ विरोध दर्ज कराने पहुंचे। इसमें डीयू, एएमयू, अंबेडकर, जामिया व जेएनयू के छात्र व एसएफआई से जुड़े छात्रों ने प्रदर्शन किया।
छात्रों ने पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज न करने का विरोध दर्ज कराते हुए पुलिस व एबीवीपी के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों के समर्थन के लिए कम्युनिस्ट नेता वृंदा करात, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, पूर्व विधायक आसिफ अहमद खान, अल्का लंबा छात्रों के प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए पहुंची।
प्रदर्शन को देखते हुए आइटीओ से लक्ष्मी नगर की ओर जाने वाले विकास मार्ग पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर इसे बंद कर दिया है। वहीं, दूसरी ओर दिल्ली गेट पर पुलिस ने बैरिकेडिंग करना शुरू कर दी थी। यहां पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं। खबर लिखे जाने तक प्रदर्शन जारी रहा।
एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठनों ने लगाया मारपीट का आरोप
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी छात्र संगठनों ने एक दूसरे पर रविवार को लाठी से मारपीट करने और एक दूसरे पर पत्थर फेंकने का आरोप लगाया है। एक दूसरे पर हिसंक गतिविधि में शामिल होने का भी आरोप लगाया गया। दोनों ही गुटों की तरफ से बताया गया कि रविवार को हुए इस घटनाक्रम में एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े छात्र घायल हुए हैं। कुछ छात्रों को एम्स व सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शनिवार को भी मारपीट का लगाया था आरोप
बता दें कि दोनों ने शनिवार को भी एक दूसरे पर मारपीट के आरोप-प्रत्यारोप लगाए थे। छात्र संघ ने भी एबीवीपी पर संस्थान के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज (एसआइएस) के बाहर मारपीट करने का आरोप लगाया है, तो एबीवीपी ने कहा वामपंथी कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया। वहीं जेएनयू प्रशासन ने कहा कि शनिवार को दोपहर 1 बजे कुछ शरारती तत्वों ने संचार व सूचना सेवा (सीआइएस) कार्यालय में घुसकर इसके सर्वर रूम में तोड़फोड़ की और सर्वर बंद कर दिया। इन्होंने सीआइएस के ऑप्टिकल केबल, बिजली सप्लाई, बायोमेट्रिक प्रणाली जैसे बुनियादी ढांचे को खराब कर दिया। टेक्निकल स्टाफ के साथ बदतमीजी भी की।
जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा प्रदर्शनकारी दूसरे छात्रों के नए सेमेस्टर के पंजीकरण की प्रक्रिया को बाधित नहीं कर सकते हैं। इस तरह के व्यवहार से अन्य छात्रों के मौलिक अधिकारों को रौंदे जा रहे हैं। शुक्रवार को भी सर्वर को इन्होंने ठप कर दिया था। शनिवार को इसका दोबारा संचालन शुरू किया गया था।
छात्र संघ के महासचिव सतीश चंद्र यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि एबीवीपी और प्रशासन छात्रों के खिलाफ गलत प्रचार कर रहे हैं। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने छात्रों को पीटा गया। साथ ही एबीवीपी द्वारा मारपीट का समर्थन राष्ट्रवादी धड़े के शिक्षक और नए गठित हुए जेएनयू टीचर्स फेडरेशन से जुड़े शिक्षकों ने किया।
वहीं, एबीवीपी के जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा कि वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्रों ने अवैध ढंग से विश्वविद्यालय के कामकाज को ठप किया। शनिवार के दिन भी इन छात्रों ने कामकाज को बाधित किया और जब एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया तो उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ गुंडागर्दी की और उन पर हमला किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जेएनयू इकाई के मंत्री मनीष जांगिड़ ने कहा कि संचार व सूचना सेवा के कार्यालय पर वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों ने कब्जा कर जेएनयू में इंटरनेट सेवा को बाधित किया। जिससे पंजीकरण में दिक्कतों आईं। आरोप है कि सुरक्षाकर्मियों से भी मारपीट की
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