Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'विश्वगुरु बनने के लिए आर्थिक बदलाव जरूरी', मोहन भागवत ने बताया दुनिया में कैसे बजेगा भारत का डंका

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 10:48 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि अगर हमें विश्वगुरु बनना है तो बड़ा बदलाव लाना होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री संग्रहालय में डॉ. राजीव कुमार की पुस्तक एवरीथिंग ऑल एट वन्स के विमोचन समारोह में यह बात कही। भागवत ने पर्यावरणीय और सतत विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसी आर्थिक व्यवस्था बनानी होगी जो दुनिया के लिए मिसाल बने।

    Hero Image
    डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि अगर हमें विश्वगुरु बनना है, तो बड़ा बदलाव लाना होगा। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने और एच1बी वीजा की लागत में बढ़ोतरी के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हम मौजूदा हालात से उबर सकते हैं, लेकिन अगर हमें विश्वगुरु बनना है तो हमें बड़ा बदलाव लाना होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हमें एक ऐसी आर्थिक व्यवस्था बनानी होगी जो समय के साथ-साथ प्रासंगिक हो और दुनिया के लिए एक मिसाल कायम करे।

    भागवत रविवार को प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय में नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और इंडिया फाउंडेशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार की पुस्तक "एवरीथिंग ऑल एट वन्स" के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

    उन्होंने कहा कि धन और श्रम पर केंद्रित वर्तमान विश्व व्यवस्था देशों के बीच संघर्ष पैदा करती रहेगी। अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ती रहेगी और ताकतवर कमजोरों पर अत्याचार करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमें अपने अनुभवों से सीखना होगा। हमारी व्यवस्था दो हजार वर्षों से भौतिक प्रगति से समस्याओं का समाधान करती आ रही है।

    भागवत ने पर्यावरणीय और सतत विकास की अवधारणा पर जोर देते हुए कहा कि यह समस्या आयातित प्रथाओं से उपजी है। आरएसएस प्रमुख ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले एक अमेरिकी व्यक्ति से हुई मुलाकात को याद किया।

    उन्होंने बताया कि उस व्यक्ति ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में अमेरिका-भारत सहयोग पर ज़ोर दिया था, लेकिन अंततः कहा था कि वह अपने हितों के आधार पर आगे बढ़ेगा। जब तक व्यक्तिगत हित बने रहेंगे, संघर्ष जारी रहेगा।

    शासन में आमूल-चूल परिवर्तन की आवश्यकता पर बल देते हुए, सरसंघचालक ने कहा कि शासन का उद्देश्य केवल शासन करना नहीं, बल्कि जनता की सेवा करना होना चाहिए। उन्होंने अधिक उत्पादन करने के बजाय जनता के लिए अधिक उत्पादन करने की नीति अपनाने का सुझाव दिया।

    हीरो एंटरप्राइज के अध्यक्ष सुनील कांत मुंजाल ने सर्वांगीण विकास पर जोर देते हुए कहा कि देश में अपार संभावनाएं हैं। हमें हस्तशिल्प और हथकरघा जैसी विशिष्टताओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

    प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष प्रो. महेंद्र देव और द कन्वर्जेंस फाउंडेशन के संस्थापक और सीईओ आशीष धवन ने भी देश के आर्थिक विकास के लिए स्थायी बदलावों पर जोर दिया।