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    सीलिंग: केजरीवाल ने BJP पर लगाया बेहद संगीन आरोप, जिक्र आया 'अज्ञात' का

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Wed, 31 Jan 2018 03:43 PM (IST)

    जब तक LG और केंद्र सरकार इस पर कोई कदम नहीं उठाते तब तक अस्थाई तौर पर सीलिंग बंद की जाए। ...और पढ़ें

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    सीलिंग: केजरीवाल ने BJP पर लगाया बेहद संगीन आरोप, जिक्र आया 'अज्ञात' का

    नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली में एक ओर जहां सीलिंग से हजारों व्यापारी परेशान तो लाखों लोग प्रभावित हैं, वहीं इस मुद्दे पर सियासत चरम पर है। इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर इशारों-इशारों में बेहद गंभीर आरोप लगाया है।

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    दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने 'अज्ञात' शख्स के हवाले से आरोप लगाया है कि सीलिंग के जरिये भाजपा रिटेल बिजनेस में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) लाना चाहती है। हालांकि, केजरीवाल ने यह भी कहा है-'मुझे आशा है ऐसा नहीं होगा।'

    इससे पहले दिल्ली सीलिंग पर मुख्यमंत्री ने कहा था- 'उपराज्यपाल नजीब जंग साहब और केंद्र सरकार चाहे तो 24 घंटे के भीतर दिल्ली में सीलिंग बंद हो सकती है।' इस बाबत अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा है- बुधवार को  मैंने कई वकीलों को बुलाया है, हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं।'

    उन्होंने इसके साथ ही यह भी मांग की है कि जब तक उपराज्यपाल और केंद्र सरकार इस पर कोई कदम नहीं उठाते तब तक अस्थाई तौर पर सीलिंग बंद की जाए। हालांकि, केजरीवाल ने कहा है कि उम्मीद है SC से राहत मिलेगी।

    बता दें कि एक दिन पहले यानी मंगलवार को दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे पर चर्चा के लिए भाजपा और AAP के नेताओं के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर ही बवाल खड़ा हो गया था। भाजपा नेता सीलिंग पर मीटिंग करने केजरीवाल के आवास पर पहुंचे थे।

    बताया जा रहा है कि विवाद निपटाने की चर्चा के दौरान दोनों पक्षों के बीच बात बिगड़ गई और बहस शुरू हो गई। इसके बाद भाजपा नेता मारपीट और बदसलूकी का आरोप लगाते हुए केजरीवाल के घर के बाहर धरने पर बैठ गए।

    यह है सीलिंग विवाद

    2006 में शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल में दिल्ली में सीलिंग शुरू हुई थी। इसके तहत मास्टर प्लान 2021 के लिए रिहायशी इलाकों में कमर्शल गतिविधियों पर रोक का प्रावधान है। इसमें कन्वर्जन का भी प्रस्ताव था, जिसके तहत ऐसी जगहों के लिए कन्वर्जन फीस जमा करा कर लैंड यूज बदलवाया जा सकता है। इस पर कारोबारियों का विरोध है कि उनकी जमी हुई दुकानें खत्म की जा रही है। वहीं, कन्वर्जन चार्ज अधिक होने को लेकर भी आपत्ति जताई जा रही है।