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UP LockDown-3: राज्य में तीन वर्ष के लिए श्रम कानून समाप्त, योगी सरकार ने दी उद्योगों को बड़ी राहत

LockDown 3.0 in UP लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में लम्बे समय से उद्योग को चलाने के साथ उनको छूट देने पर मुहर लग गई है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 11:56 AM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 07:10 PM (IST)
UP LockDown-3: राज्य में तीन वर्ष के लिए श्रम कानून समाप्त, योगी सरकार ने दी उद्योगों को बड़ी राहत
UP LockDown-3: राज्य में तीन वर्ष के लिए श्रम कानून समाप्त, योगी सरकार ने दी उद्योगों को बड़ी राहत

लखनऊ, जेएनएन। देश में कोरोना के संक्रमण के कारण लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में लम्बे समय से उद्योग को चलाने के साथ उनको छूट देने पर मुहर लग गई है। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने वाराणसी के साथ ही अन्य शहरों के उद्यमियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान इसका संकेत दे दिया है।

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उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में उद्योग शुरू करने की अवधि को एक वर्ष से बढ़ाकर अब एक वर्ष तीन माह किया जा सकता है। वाराणसी के गुरुवार को वाराणसी के रामनगर औद्योगिक एसोसिएशन के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना इस बिंदु पर विचार करने की बात कही। ऑनलाइन संवाद करते हुए महाना ने उद्यमियों से कहा कि उद्यमियों की सुविधा के लिए साथी पोर्टल लांच किया गया है। इससे जीएसटी रिफंड सहित तमाम प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

राज्य में नए औद्योगिक निवेश करने और पूर्व में स्थापित औद्योगिक प्रतिष्ठानों व कारखानों के लिए श्रम नियमों में एक हजार दिवस के लिए अस्थायी छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि जहां पर 50 फीसद श्रमिकों के साथ उद्योगों को चलाया जा रहा है, वहां सभी को वेतन देना एक महत्वपूर्ण बिंदु है। इस पर विचार-विमर्श के बाद उचित निर्णय लिया जाएगा। प्रदेश सरकार की योजनाओं को हर व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।

इसके साथ ही रेड जोन में भी कुछ शर्तों के साथ उद्यम खोलने की अनुमति दी गई है और तीन दिन के अंदर इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है। अब सभी औद्योगिक क्षेत्रों में आवश्यक सड़क निर्माण व अवस्थापना सुविधाओं आदि कार्यो को कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अन्य जिलों से श्रमिकों को चंदौली में लाने की व्यवस्था का आग्रह किया।

तीन वर्ष तक की अस्थायी छूट

योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी श्रम अधिनियमों में लॉकडाउन के कारण बदलाव किया है। यह बदलाव तीन वर्ष तक प्रभावी रहेंगे। औद्योगिक विकास मंत्री ने विभागीय समीक्षा में 38 नियमों के तीन वर्ष तक निष्प्रभावी रहने का आश्वासन दिया। सरकार ने यूपी श्रम अधिनियमों में बदलाव करते हुए व्यापारी वर्ग को बड़ी राहत दी है। लॉकडाउन के कारण बड़े पैमाने पर कारखाने और उधोग बंद पड़े हैं। अब लाखों कि संख्या में प्रवासी मजदूर प्रदेश वापस आ रहे हैं। कोरोना का संकट कब तक रहेगा, अभी किसी को भी यह मालूम नहीं है।

इसी कारण प्रदेश में उद्योग, कारखानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए 38 श्रम नियमों में हजार दिवस यानी तीन वर्ष तक के लिए अस्थाई छूट प्रदान की गई है। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि प्रदेश में उद्यमियों की सुविधा के लिए साथी पोर्टल लांच किया गया है। इससे उद्यमी को जीएसटी रिफण्ड सहित तमाम प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त यूपीएसआईडीसी में उद्योग शुरू करने के लिए निर्धारित एक वर्ष की अवधि को बढ़ाकर एक वर्ष तीन माह करने पर विचार किया जायेगा।

सभी को वेतन देना महत्वपूर्ण 

महाना ने कहा कि जहां पर 50 प्रतिशत श्रमिकों के साथ उद्योगों को चलाया जा रहा है, वहां सभी को वेतन देना एक महत्वपूर्ण बिन्दु है। इस पर विचार-विमर्श के बाद उचित निर्णय लिया जायेगा। उद्यमियों को हॉटस्पॉट क्षेत्र में मजदूरों को रोकने के लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। राज्य सरकार की योजनाओं को हर व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।

औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि रेड जोन में भी कुछ शर्तों के साथ उद्यम खोलने की अनुमति प्रदान की गई है और तीन दिन के अन्दर इसका रिवाइवल भी देखने को मिला है। उद्यमियों की सुविधा के लिए 21 सर्विसेज को ऑनलाइन किया गया है। इसके साथ उत्तर प्रदेश कतिपय श्रम विधियों से अस्थाई छूट अध्यादेश 2020 लाया गया है।  


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