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    Bihar Teachers: उधर KK Pathak छुट्टी पर गए, इधर S Siddharth ने दे दिया बड़ा आदेश; यहां पढ़ें डिटेल

    अपर मुख्य सचिव केके पाठक के अवकाश में जाते ही शिक्षा विभाग के पूर्व के आदेशों में बदलाव का सिलसिला शुरू हो गया है। अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने स्कूलों के निरीक्षण का आदेश दिया है। प्राथमिक मध्य व उच्च माध्यमिक विद्यालयों का नियमित निरीक्षण होना है। प्रत्येक सरकारी विद्यालय का संचालन निर्धारित मानक के अनुरूप हो रहा है अथवा नहीं।

    By Jagran News Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 07 Jun 2024 04:40 PM (IST)
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    10 से 15 स्कूलों का तीन महीने में करना होगा निरीक्षण। (सांकेतिक फोटो)

     जागरण संवाददाता मुजफ्फरपुर। केके पाठक के अवकाश पर जाने के बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का प्रभार ग्रहण करने वाले सचिव एस. सिद्धार्थ ने स्कूलों के निरीक्षण का आदेश दिया है।

    प्राथमिक, मध्य व उच्च माध्यमिक विद्यालयों का नियमित निरीक्षण होना है। प्रत्येक सरकारी विद्यालय का संचालन निर्धारित मानक के अनुरूप हो रहा है अथवा नहीं। विद्यालय संचालन में किसी प्रकार की कठिनाई है तो निरीक्षण के क्रम उसे दूर किया जाए।

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    शिक्षकों व बच्चों की उपस्थिति, आधारभूत संरचना के साथ वर्ग कक्ष संचालन का नियमित निरीक्षण होगा। उप विकास आयुक्त शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों में पदस्थापित सभी पदाधिकारियों (जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सहित) व कर्मियों को विद्यालय के निरीक्षण की जिम्मेदारी देंगे।

    स्कूलों के निरीक्षण करने वाले अधिकारियों को तीन महीने के लिए 10 से 15 विद्यालय आवंटित किया जाएं, जो इस अवधि में इन विद्यालयों की पूरी देख-रेख में रहेंगे। विद्यालयों का आवंटन रोस्टर बनाकर करने का आदेश दिया गया है। डीडीसी तीन महीने पर रोस्टर में बदलाव करेंगे।

    जिले के सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों का प्रत्येक सप्ताह में कम से कम एक बार निरीक्षण सुनिश्चित कराना है। इस दौरान कमी को दूर करना है। इसमें किसी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।

    इन बिंदुओं पर विद्यालयों का करना है निरीक्षण

    • स्कूल में शिक्षक व छात्र संख्या के अनुरूप वर्ग कक्ष, ब्लैक बोर्ड, चाक, डस्टर की स्थितिl
    • विद्यालय में किचन शेड, गैस चूल्हा व थाली की स्थिति l
    • छात्र व छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय की उपलब्धता ( रनिंग वाटर सहित)।
    • शौचालय की साफ-सफाई व क्रियाशीलता के अलावा उनमें ताला तो बंद नहीं है।
    • पेयजल की सुविधा, विद्यालय में बोरिंग है तो यह कार्य कर रही है या नहीं?
    • वर्ग कक्ष में आवश्यक उपस्कर (बेंच डेस्क आदि) की उपलब्धता व निर्धारित मापदंड के अनुसार उसकी गुणवत्ता।
    • माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पुस्तकालय की उपलब्धता व उपयोगिता।
    • पुस्तकालय का बच्चे उपयोग कर रहे या नहीं?
    • वर्ग कक्ष में पंखा, ट्यूब लाइट व बल्ब की पर्याप्त उपलब्धता।
    • यह भी देखा जाए कि वर्ग कक्ष संचालन के समय बल्ब व पंखा का उपयोग हो रहा या नहीं।

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