Khatauli by Election: चुनावी मुद्दे गौण, बस छींटाकशी, टिप्पणी, मान-अपमान की हांडी पर पक रहे जातिगत समीकरण
मेरठ खतौली विधानसभा में चुनावी मुद्दे गौण हो गए हैं और छींटाकशी टिप्पणी मान व अपमान की हांडी पर जातिगत समीकरण पक रहे हैं। जाट महासभा एवं त्यागी-ब्राह्मण-भूमिहार मोर्चा जता चुका नाराजगी। गुर्जर वोटों के लिए मदन भैया के सामने नंदकिशोर गुर्जर को लाई भाजपा

मेरठ, संतोष शुक्ल। मेरठ खतौली विधानसभा में चुनावी मुद्दे गौण हो गए हैं और छींटाकशी, टिप्पणी, मान व अपमान की हांडी पर जातिगत समीकरण पक रहे हैं। कई जातियों का मलाल एक साथ छलकने से पार्टियों की चुनावी रणनीति उलझ गई है। दिग्गजों की चहलकदमी को भी जातीय चश्मे से देखा जा रहा है। रालोद ने जहां गुर्जर-जाट एवं मुस्लिम का फार्मूला साधने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं, भाजपा ने चुनावी चक्रव्यूह में अलग-अलग जाति के दिग्गजों को तैनात किया है। मदन भैया को लोनी से लगातार दो बार हराने वाले नंद किशोर गुर्जर को भी भाजपा ने यहां उतारा है।
जातियों का छलका मलाल
पश्चिम उप्र की राजनीति में चौधराहट की जंग होती रही है। इस बार भी केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान, क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल के साथ ही रालोद प्रमुख जयन्त चौधरी की भी साख फंसी हुई है। 3.12 लाख वोटरों वाली खतौली विधानसभा क्षेत्र में कई जातियों का मलाल एक साथ छलकने से चुनावी समीकरण उलझ गए हैं। दिवंगत नेता चौधरी अजित सिंह पर भाजपा के पूर्व विधायक विक्रम सैनी और डा. संजीव बालियान के दिवंगत भाई राहुल कुटबी पर बाहुबली मदन भैया की टिप्पणी पर जहां उत्तर प्रदेश जाट महासभा में उबाल आ रहा, वहीं नोएडा सोसाइटी प्रकरण से चर्चा में आए श्रीकांत त्यागी एवं बालेराम त्यागी के समर्थन में नावला गांव में त्यागी ब्राह्मण भूमिहार मोर्चा ने भाजपा के खिलाफ पंचायत की। रालोद ने गुर्जर चेहरा मदन भैया को मैदान में उतारा। भाजपा ने उन्हें बाहुबली और बाहरी बताकर घेरा है, साथ ही एक प्रसारित वीडियो में मदन भैया को गुर्जरों का हितैषी एवं जाटों का दबदबा तोड़ने वाला चेहरा बताया जा रहा है। भाजपा के पूर्व विधायक विक्रम सैनी ने अपनी विधायकी जाने के दौरान रालोद संस्थापक अजित सिंह पर टिप्पणी की, जिसको लेकर रालोद के जिलाध्यक्ष ने तल्ख बयान दिया था। तीन साल पहले भी विक्रम सैनी और ब्राह्मण समाज के बीच तनाव उभरा था, इसमें तत्कालीन उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को दखल देनी पड़ी थी। अब भाजपा ने जातीय समीकरण को साधते हुए क्षेत्रीय प्रभारी हरिओम शर्मा को चुनाव प्रभारी बनाया, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, जितिन प्रसाद ने लगातार खतौली का दौरा किया। एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज भी लगातार ब्राह्मण बाहुल्य गांवों को मथ रहे हैं।
लोनी की लड़ाई खतौली में आई
लोनी विधानसभा सीट से भाजपा के नंदकिशोर गुर्जर ने मदन भैया को 2017 एवं 2022 में लगातार शिकस्त दी। अब रालोद की रणनीतिक काट में भाजपा ने नंदकिशोर एवं प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेंद्र तोमर को गुर्जर वोटों को साधने के मोर्चे पर तैनात कर दिया है।
बागपत नहीं अब मुजफ्फरनगर रालोद का गढ़
खतौली विधानसभा सीट के उप चुनाव में भाजपा और रालोद के बीच हाई वोल्टेज मुकाबला तय है। रालोद मुखिया जयन्त चौधरी ने खतौली को साख का सवाल बना लिया है। उन्हें सफलता मिली तो रालोद के खाते में जिले की चौथी सीट जाएगी। बागपत की जगह अब मुजफ्फरनगर को रालोद अपना गढ़ बना रहा। भाजपा ने यहां 2017 और 2022 में जीत दर्ज की। उप चुनाव में केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान की भी कड़ी परीक्षा है।

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