JJP के पास राजस्थान में खोने के लिए कुछ नहीं, जीती तो बढ़ेगा कद; ये दांव चुनाव में कर सकती है बड़ा उलटफेर
हरियाणा की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने राजस्थान में 22 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़कर बड़ा दांव खेल दिया है। जेजेपी राजस्थान में बड़ी गेम चेंजर साबित हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ और जेजेपी कुछ ही सीटों पर सिमट गई अथवा कोई सीट हासिल नहीं कर पाई तो उसके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। जेजेपी ने राजस्थान में 22 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
अनुराग अग्रवाल l चंडीगढ़। हरियाणा में भाजपा के साथ सरकार में साझीदार जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने राजस्थान में 22 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़कर बड़ा दांव खेल दिया है। जेजेपी ने एक रणनीति के तहत राजस्थान में पहले संगठन खड़ा किया और फिर चुनाव में ताल ठोंकी। राजस्थान में छह नवंबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे।
बागी नेताओं को दिए टिकट
जेजेपी के कई उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर चुके हैं तो बाकी सोमवार को दाखिल करेंगे। नव संकल्प रैली से पहले जेजेपी के तीनों राष्ट्रीय नेता राजस्थान में ही डेरा डाले हुए थे। 2019 के विधानसभा चुनाव में जिस तरह जेजेपी ने भाजपा, कांग्रेस व इनेलो के असंतुष्ट तथा बागी नेताओं को टिकट बांटे थे और उनका यह दांव जीत के रूप में कामयाब हुआ था, उसी तरह जेजेपी ने राजस्थान में भी दूसरे दलों के बागी व असंतुष्ट कुछ नेताओं को टिकट दिए हैं।
अधिकतर टिकट जेजेपी के प्रमुख समर्पित कार्यकर्ताओं को मिले हैं। जेजेपी ने राजस्थान में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला भाजपा द्वारा गठबंधन का इंतजार करने के बाद किया। जेजेपी जिन विधानसभा सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारना चाह रही थी, जब भाजपा ने उन सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए तो जेजेपी ने तभी अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति पर आगे बढ़ना आरंभ कर दिया था।
22 सीटों पर उतारे उम्मीदवार
जेजेपी के पास राजस्थान में खोने के लिए कुछ भी नहीं है। दुष्यंत चौटाला बार-बार यही बयान दे रहे हैं कि राजस्थान में विधानसभा का ताला जेजेपी की चाबी से ही खुलेगा। अगर ऐसा हुआ तो जेजेपी राजस्थान में बड़ी गेम चेंजर साबित हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और जेजेपी कुछ ही सीटों पर सिमट गई अथवा कोई सीट हासिल नहीं कर पाई तो उसके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। जेजेपी ने राजस्थान में 22 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
राजस्थान की इन 22 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही जेजेपी जेजेपी ने राजस्थान में जिन 22 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, उनमें कामा, नसीराबाद, सूरसागर, रायसिंह नगर, पीलीबंगा, तारानगर, चुरू, गंगानगर, भादरा विधानसभा, नीमका थाना, बगरू सीट, महवा, खाजूवाला, झोटवाडा, रामगढ़ अलवर, हिंडोन, सूरतगढ़, फतेहपुर, दाता रामगढ़, खंडेला, कोटपुतली और भरतपुर शामिल हैं।
जेजेपी में कई कद्दावर नेता हुए शामिल
पिछले एक से दो माह के भीतर राजस्थान में जेजेपी में कई कद्दावर नेता शामिल हुए हैं। नामांकन वापस लेने तक दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला की जोड़ी कुछ और नेताओं को जेजेपी में शामिल करने के लिए प्रयासरत हैं। वे वहां दूसरे दलों में टिकट वितरण के बाद फैली बगावत का लाभ लेने का कोई मौका नहीं जाने देना चाह रहे हैं।
राजस्थान भी बदलाव की ओर बढ़ रहा है। राजस्थान में परिवर्तन लाने के लिए जेजेपी कार्यकर्ताओं में खासा जोश और उत्साह है। हमारी पार्टी के कार्यकर्ता हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में पूरी तरह से सक्रिय हैं।
हमने कुरुक्षेत्र की नव संकल्प रैली में पार्टी के कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि वे राजस्थान सरकार में पार्टी की हिस्सेदारी के लिए जेजेपी प्रत्याशियों के लिए वोट की अपील करने जाएं और अपनी जिम्मेदारी निभाएं। हमें यकीन है कि राजस्थान विधानसभा का ताला जेजेपी की चाबी से ही खुलेगा।
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