कांग्रेस के नेता के वी थॉमस ने कहा - 'राजनीतिक शरण केवल बेघरों के लिए, मेरे पास कांग्रेस में घर है'
के वी थॉमस के ऊपर पार्टी द्वारा अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है क्योंकि वह पार्टी के इच्छा के विरुद्ध सीपीआईएम के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे और उन्होंने सीपीआईएम के परियोजनाओं की तारीफ भी की थी जिसका कांग्रेस पार्टी खुद विरोध करती आ रही थी।
कोच्चि, पीटीआई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के वी थॉमस ने बुधवार को माकपा के केरल सचिव कोडियेरी बालकृष्णन के वाम दल में शामिल होने के निमंत्रण को खारिज कर दिया है। हालांकि, कांग्रेस के अनुशासन समिति ने उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटाने की सिफारिश की है। फिर भी के वी थॉमस ने वाम दल में शामिल होने पर कहा कि 'राजनीतिक शरण केवल किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा आवश्यक होती है, जो बेघर होता है।
कांग्रेस पार्टी मेरा घर
थॉमस ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस में उनका अभी भी एक घर है, जो एक मजबूत सदन है और पार्टी के पदों से हटाना एक कुर्सी लेने और इसके बजाय एक स्टूल देने जैसा है। उन्होंने कहा, 'पार्टी की स्थिति टेबल और कुर्सियों की तरह होती है। अगर वह कुर्सी ले ली जाती है और मुझे स्टूल दिया जाता है, तो मुझे इससे कोई समस्या नहीं है। मैं कांग्रेसी बना रहूंगा।' उन्होंने कहा कि अब तक पार्टी ने आधिकारिक तौर पर संवाद नहीं किया है, सिफारिश के आधार पर उन्होंने निर्णय लिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की ओर से आधिकारिक सूचना मिलने के बाद उनकी ओर से भविष्य में किसी भी तरह की कार्रवाई का फैसला किया जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को अनुशासनात्मक पैनल की सिफारिशों को मंजूरी दे दी थी, जिसमें विचार किया गया था कि थॉमस को राज्य के राजनीतिक मामलों की समिति और केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारी समिति से हटा दिया जाना चाहिए। इसके बाद, मंगलवार शाम को बालकृष्णन ने थॉमस को कांग्रेस से निष्कासित किए जाने पर राजनीतिक शरण देने की पेशकश की थी।
मेरे पास मजबूत घर - के वी थॉमस
यह पूछे जाने पर कि माकपा नेता के बयान पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है, थॉमस ने कहा, 'राजनीतिक शरण किसी ऐसे व्यक्ति के लिए है जो बेघर है। मेरे पास कांग्रेस में एक घर है। यह एक मजबूत घर है। मैं वहां रह सकता हूं।'
अनुशासन समिति का फैसला केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सांसद के सुधाकरन द्वारा भेजी गई शिकायत पर आया है, जिसमें पार्टी के निर्देश के बावजूद अप्रैल में कन्नूर में आयोजित सीपीआई (एम) पार्टी कांग्रेस में शामिल होने के लिए थॉमस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।
थॉमस ने सीपीआई (एम) के कार्यक्रम में शामिल होने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने जाने का फैसला किया क्योंकि उन्हें धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने ऐसा किया, तो वे पार्टी से बाहर हो जाएंगे।
कांग्रेस के इस अनुभवी नेता ने न केवल पार्टी की इच्छा के विरुद्ध इस कार्यक्रम में भाग लिया, बल्कि उन्होंने अपने भाषण में, विजयन और उनकी प्रशासनिक क्षमताओं और विकास के एजेंडे की प्रशंसा की और वाम सरकार की सिल्वरलाइन सेमी-हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना को अपना पूरा समर्थन दिया, जो कि कांग्रेस द्वारा कड़े रूप में विरोध किया जा रहा था।
बता दें कि के वी थॉमस को अनुशासनहीनता के आरोपों को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। सीपीआईएम के कार्यक्रम में शामिल होना और उनकी परियोजनाओं की तारीफ करने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी ने थॉमस से दूरी बना ली थी।