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जौनपुर में दलितों के घर फूंकने पर CM योगी आदित्यनाथ सख्त, आरोपियों पर NSA लगाने के आदेश

Tussle Between Two communities सीएम योगी आदित्यनाथ ने दलितों के घर फूंकने के मुख्य आरोपी नूर आलम और जावेद सिद्दीकी समेत सभी आरोपियों पर तत्काल रासुका लगाने का आदेश दिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 11:38 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 01:13 PM (IST)
जौनपुर में दलितों के घर फूंकने पर CM योगी आदित्यनाथ सख्त, आरोपियों पर NSA लगाने के आदेश

लखनऊ, जेएनएन। जौनपुर में बच्चों के विवाद में दो वर्गों में भिड़ंत के उग्र होने के बाद दलितों के घर फूंकने के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं। उन्होंने दलितों के घर फूंकने के सभी आरोपियों के खिलाफ शीघ्र रासुका के तहत मुकदमा दर्ज करने के साथ ही सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।

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जौनपुर के एक गांव में दलितों के घर फूंकने की इस घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त हैं। उन्होंने दलितों के घर फूंकने के मुख्य आरोपी नूर आलम और जावेद सिद्दीकी समेत सभी आरोपियों पर तत्काल रासुका लगाने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही वहां पर फौरन स्थिति नियंत्रण न करने पाने के दोषी थाना प्रभारी के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिनके घर फूंके गए हैं उन सभी पीड़ित दलितों को तत्काल सीएम या पीएम आवास समेत अन्य सरकारी मदद दी जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपितों पर रासुका लगाने के साथ ही पीड़ितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दस लाख 26 हजार 450 रुपये देने का आदेश दिया है। साथ ही समाज कल्याण विभाग से भी पीड़ितों को बतौर मदद एक लाख रुपये की सहायता राशि देने का निर्देश दिया। उन्‍हें मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत घर भी मिलेगा। घटना में लापरवाही बरतने वाले थानाध्यक्ष पर भी विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। घटना को लेकर मुख्यमंत्री के कड़ा रुख अख्तियार करने से पुलिस महकमे में भी हड़कंप है। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने कहा कि थानाध्यक्ष के खिलाफ अभी जांच की जा रही है। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि पीडि़त परिवारों को पूरी मदद करने के साथ ही उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।

गौरतलब है कि मंगलवार देर शाम सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के भदेठी गांव में बच्चों के विवाद बीच दो वर्गों के बीच जमकर संघर्ष हुआ। इसके बाद हमलावरों ने अनुसूचित जाति की बस्ती में पिटाई, तोडफ़ोड़ व आगजनी की। इस मामले में 58 नामजद व 100 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने 35 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। घटना को लेकर तनाव के चलते गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। बुधवार की दोपहर वाराणसी मंडल के आयुक्त दीपक अग्रवाल व आइजी विजय सिंह मीणा ने स्थिति का जायजा लिया। इन सभी ने पीडि़तों को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने व नुकसान के भुगतान का आश्वासन दिया। इस वहीं घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई से डरे-सहमे वर्ग विशेष के अधिकतर पुरुष सदस्य गांव से पलायन कर गए हैं।

भदेठी गांव का शहबाज (13) बाग में अपने पेड़ से आम तोडऩे गया था। वहां तालाब के पास बकरियां चरा रहे अनुसूचित जाति बस्ती के बच्चों से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। शहबाज ने घर जाकर स्वजनों को घटना की जानकारी दी। पूछताछ के दौरान स्वजनों व अनुसूचित जाति बस्ती के लोगों में मारपीट हो गई। इसमें नबील, फ्लावर, लारेब व हबीब जख्मी हो गए। इसके बाद गांव की प्रधान के पति आफताब उर्फ हिटलर ने मामला शांत करा दिया।

आरोप है कि इसके बाद रात करीब साढ़े आठ बजे वर्ग विशेष के सैकड़ों लोगों ने लाठी-डंडे से लैस होकर अनुसूचित जाति बस्ती पर धावा बोला। इनके हमले में रवि, पवन, अतुल आदि घायल हो गए। इस दौरान आगजनी में नंदलाल, नेबूलाल, फिरतू, राजाराम, जीतेंद्र, सेवालाल सहित बस्ती के एक दर्जन से अधिक लोगों के मड़हे व घर जल गए। इसके साथ ही कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। आग की चपेट में आने से तीन बकरियां व एक भैंस जिंदा जल गईं।  


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