BSP President Mayawati: बसपा सुप्रीमो मायावती का कार्यकर्ताओं से अगले मिशन की तैयारी का आह्वान
BSP President Mayawati:बसपा प्रमुख ने कहा कि साम, दाम, दंड, भेद जैसे हथकंडों और अंदरूनी मिलीभगत आदि के लिए किसी स्तर तक गिर जाना बसपा का स्वभाव नहीं है। विरोधी लोग जब बसपा के महाआयोजन के संबंध में सरकारी बसें मुहैया कराने जैसी आधारहीन बातें करके लोगों में अपना मजाक खुद ही उड़ा रहे हैं।

पार्टी मुख्यालय पर हुई संगठन की राज्य स्तरीय बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ में बड़ा आयोजन करने के बाद से उत्साहित बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर हुई संगठन की राज्य स्तरीय बैठक में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अगले मिशन के लिए तैयार रहने को कहा है। बैठक में बसपा प्रमुख ने पदाधिकारियों को संगठन के गठन को लेकर बचे हुए कार्यों को अविलंब पूरा करने के निर्देश दिए।
बसपा प्रमुख ने कहा कि साम, दाम, दंड, भेद जैसे हथकंडों और अंदरूनी मिलीभगत आदि के लिए किसी स्तर तक गिर जाना बसपा का स्वभाव नहीं है। विरोधी लोग जब बसपा के महाआयोजन के संबंध में सरकारी बसें मुहैया कराने जैसी आधारहीन बातें करके लोगों में अपना मजाक खुद ही उड़ा रहे हैं। कार्यक्रम में लाखों की ऐतिहासिक भीड़ रेल, प्राइवेट बसों व अपने-अपने खुद के छोटे-मोटे संसाधनों से और पैदल भी चलकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने आयी थी। यह कार्यकर्ताओं के बसपा के लिए समर्पण का जीता-जागता प्रमाण है। किराये पर रैली व जनसभा आदि करने वाली विरोधी पार्टियों के नेता 'खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे' की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं।
आर्थिक सहयोग की परंपरा जारी रखने का भी आह्वान
मायावती ने पार्टी की स्वाभिमान की राजनीति की मजबूती के लिए लोगों से 15 जनवरी को अपने जन्मदिन पर आर्थिक सहयोग की परंपरा जारी रखने का भी आह्वान किया। कहा कि अपने वोट की शक्ति के बल पर बसपा राजनीतिक सत्ता की मास्टर चाबी हासिल कर बहुजन समाज को 'लेने वाले से देने वाला समाज' बनाना चाहती है, इसके लिए पूरे तन, मन और धन से अनवरत सहयोग जरूरी है।
आयोजन में न शामिल होने की खोज-खबर लेगी पार्टी
कांशीराम की पुण्यतिथि पर नौ अक्टूबर को लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में बूथ स्तर तक के न शामिल होने वाले पदाधिकारियों की अब खोज-खबर भी ली जाएगी। सूत्रों के अनुसार बैठक में मायावती ने कहा कि आयोजन में न आने वाले पदाधिकारियों के बारे में पता लगाया जाए कि क्या कारण थे। अगर जानबूझकर लापरवाही के चलते कोई पदाधिकारी आयोजन में शामिल न हुआ हो तो उसे पद से हटाकर दूसरे सक्रिय कार्यकर्ता को मौका दिया जाए।
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