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Dehradun News: देहरादून में मांगों को लेकर सड़कों पर किसान, महापंचायत में उठाई आवाज; राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

Dehradun News विभिन्न मांगों को लेकर दून में सैकड़ों किसान सड़कों पर उतर आए हैं।देहरादून में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) और भारतीय किसान यूनियन (तोमर) ने अलग-अलग महापंचायत आयोजित की। साथ ही मांगों पर कार्रवाई को लेकर राष्ट्रपति को भी ज्ञापन भेजा।

By Jagran NewsEdited By: Sunil NegiPublished: Sat, 26 Nov 2022 11:21 PM (IST)Updated: Sat, 26 Nov 2022 11:21 PM (IST)
Dehradun News: देहरादून में मांगों को लेकर सड़कों पर किसान, महापंचायत में उठाई आवाज; राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
विभिन्न मांगों को लेकर दून में सैकड़ों किसान सड़कों पर उतर आए हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून: विभिन्न मांगों को लेकर दून में सैकड़ों किसान सड़कों पर उतर आए हैं। उन्होंने मांगों पर कार्रवाई को लेकर राष्ट्रपति को भी ज्ञापन भेजा है। साथ ही सरकार पर किसान विरोधी नीतियों का संचालन करने का आरोप लगाते हुए इनमें सुधार की मांग की है। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) और भारतीय किसान यूनियन (तोमर) ने अलग-अलग महापंचायत आयोजित कर अपनी मांगों पर चर्चा की और किसानों के हित में संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया। जबकि, संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले भी बड़ी संख्या में किसानों ने राजभवन कूच करने का प्रयास किया। सभी संगठनों ने विभिन्न माध्यमों से अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपे।

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भाकियू (टिकैत) ने महापंचायत कर केंद्र सरकार को घेरा

देहरादून: पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत भाकियू (टिकैत) से जुड़े प्रदेश के किसान और सहारनपुर व आसपास के किसान हरिद्वार बाइपास रोड पर आइएसबीटी के पास एकत्रित हुए। जहां महापंचायत का आयोजन किया गया। प्रदेश प्रभारी उषा तोमर के नेतृत्व में हुई पंचायत में किसानों ने विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की।

उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान के माध्यम से राष्ट्रपति और उत्तराखंड के राज्यपाल को ज्ञापन भी प्रेषित किए। यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से किसानों के साथ वादाखिलाफी की गई है। केंद्र से मांग की गई कि नीति निर्धारण में किसानों के हितों का ध्यान रखा जाएगा।

सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत सी टू प्लस 50 प्रतिशत न्यूनतम समर्थन मूल्य, एक व्यापक ऋण माफी योजना के माध्यम से कर्ज मुक्ति, बिजली संशोधन विधेयक-2022 को वापस लेने, लखीमपुर-खीरी में किसानों व पत्रकारों की हत्या के आरोपित केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खाश्तगी और कानूनी कार्रवाई, प्रभावी फसल बीमा योजना, किसान आंदोलन में शहीद किसानों के परिवार को मुआवजा समेत अन्य मांगों पर कार्रवाई की मांग की गई। यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सभी किसानों से एकजुट होकर हक की लड़ाई लड़ने का आह्वान किया।

भाकियू (तोमर) को 30 नवंबर को मुख्यमंत्री से वार्ता का आश्वासन

देहरादून: भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के आह्वान पर बड़ी संख्या में किसान परेड मैदान में एकत्रित हुए। जहां से उन्होंने पुलिस मुख्यालय कूच किया। मांगों को लेकर उन्होंने पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा और मुख्यमंत्री से वार्ता की मांग की। जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय से उन्हें 30 नवंबर को वार्ता कराने का आश्वासन मिला।

इस दौरान यूनियन की ओर विभिन्न मांगें उठाई गईं। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौहान ने बताया कि बुग्गावाला में करोड़ों की खनन इंडस्ट्री को शुरू किया जाए। घाड़ क्षेत्र में किसानों की भूमि नदी में बह गई है, उन्हें मुआवजा दिया जाए। उन्होंने एसएसपी हरिद्वार के बुग्गावाला में लोडिंग वाहनों पर प्रतिबंद्ध लगाने का विरोध किया। इसके बाद यूनियन की ओर से रेसकोर्स स्थित गुरु नानक गर्ल्स इंटर कालेज में शाम को महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें किसानों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए गए। साथ ही राज्य सरकार से किसानों के हित में कार्य करने की मांग की गई।

संयुक्त किसान मोर्चा का राजभवन कूच, राजपुर रोड पर रोक

देहरादून: देहरादून संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर सैकड़ों किसानों, मजदूर, महिलाओं ने गांधी पार्क से राजभवन के लिए कूच किया। राजपुर रोड पर सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान को राष्ट्रपति व राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा। वक्ताओं ने कहा कि सूखा, अतिवृष्टि से खराब फसलों का उचित मुआवजा दिया जाए।

जरूरतमंद छोटे किसानों को 5000 रुपये पेंशन देने की मांग की। गन्ना किसानों को 500 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान करने, जंगली जानवरों से सुरक्षा, नकरौंदा में ट्रटमेंट प्लांट बंद करने समेत कई मागें उठाईं। इसके अलावा वनंतरा प्रकरण के आरोपितों को सजा दिलाने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच की भी मांग की।


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