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    Women Reservation Bill: महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने से विधानसभाओं पर क्‍या होगा असर?

    By Jagran NewsEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Wed, 20 Sep 2023 06:30 AM (IST)

    Women Reservation Bill संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन नई संसद में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लोकसभा में पेश किया। दरअसल इस बिल के पास होने के बाद संसद से लेकर राज्य विधानसभाओं का गणित भी बदल जाएगा। आपको बताते हैं कि इस विधेयक का राज्य विधानसभाओं पर क्‍या असर होगा।

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    Women Reservation Bill: महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने से राज्‍य विधानसभाओं पर क्‍या होगा असर? (फोटो एएनआई)

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Women Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन नई संसद में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023 को लोकसभा में पेश किया। दरअसल, इस बिल के पास होने के बाद संसद से लेकर राज्य विधानसभाओं का गणित भी बदल जाएगा। लेकिन इसमें सबसे बड़ी अड़चन यह है कि साल 2026 तक देश में परिसीमन होना है, जिसके बाद राज्यों में विधानसभा सीटों की संख्या भी बदल सकती है।

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    33 फीसद सीटें होंगी आरक्षित

    बता दें कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023 का संसद के दोनों सदनों से पास होना जरूर ही। इसके बाद इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद ये बिल कानून बन पाएगा। इसके बाद ही संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसद सीटें आरक्षित हो जाएंगी। संसद से विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी। ऐसे में आपको बताते हैं कि इस विधेयक का राज्य विधानसभाओं पर क्‍या असर होगा और परीसीमन के बाद वहां की स्थिति कैसी होगी।

    यह भी पढ़ें- इसके लिए ईश्वर ने मुझे चुना... PM मोदी को विश्वास- 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' से देश की महिलाओं का होगा विकास

    उत्तर प्रदेश

    देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश है। कहते हैं कि अगर किसी राजनीतिक दल ने उत्तर प्रदेश में जीत का परचम लहराया तो केंद्र में सरकार बनाने में उसकी अहम भूमिका हो जाती है। यहां विधानसभा की 403 सीटें आती हैं। महिला आरक्षण विधेयक के कानून बनने से यहां की 33 फीसद सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। 403 विधानसभा सीटों में से 132 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होगी।

    हरियाणा

    नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल-2023 के कानून बनने के बाद हरियाणा की विधानसभा सीटों का गणित बदल जाएगा। इस बिल के तहत हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों में से 30 सीटें महिलाओं के हिस्से में आ जाएंगी।

    झारखंड

    वहीं, झारखंड में 82 सीटें आती हैं, जिनमें से राज्य विधानसभा में 27 सीटें नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल-2023 के तहत महिलाओं के लिए आरक्षित होगी।

    बिहार

    बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं। अगर नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल-2023 को कानून बनने के बाद यहां लागू किया जाता है तो इनमें से 81 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।

    राज्य विधानसभा सीट महिलाओं के लिए आरक्षित सीट (अनुमान)
    आंध्र प्रदेश 175 58
    अरुणाचल प्रदेश 60 20
    असम 126 42
    बिहार 243 81
    छत्तीसगढ़ 90 30
    गोवा 40 13
    गुजरात 182 61
    हरियाणा 90 30
    हिमाचल प्रदेश 68 23
    जम्मू और कश्मीर 90 30
    झारखंड 82 27
    कर्नाटक 224 75
    मध्य प्रदेश 230 77
    महाराष्ट्र 288 96
    केरल 140 47
    मेघालय 60 20
    मणिपुर 60 20
    मिजोरम 40 13
    नगालैंड 60 20
    दिल्ली 70 23
    ओडिशा 147 49
    पुडुचेरी 30 10
    पंजाब 117 39
    राजस्थान 200 67
    सिक्किम 32 11
    तमिलनाडु 234 78
    तेलंगाना 119 40
    त्रिपुरा 60 20
    उत्तर प्रदेश 403 132
    उत्तराखंड 70 23
    पश्चिम बंगाल 294 98

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