अयोध्या में इस कारण हारी BJP! लल्लू सिंह पर क्यों भारी पड़े अवधेश प्रसाद? ये हैं 6 बड़ी वजह
BJP Candidate lost in Ayodhya भाजपा ने तीसरी बार अयोध्या लोकसभा सीट से लल्लू सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया। पार्टी को उम्मीद थी कि लल्लू सिंह इस लोकसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाएंगे। हालांकि अयोध्या के चुनावी रिजल्ट ने पूरे देश को चौंका कर रख दिया। अयोध्यावासियों ने भाजपा उम्मीदवार की जगह समाजवादी पार्टी नेता अवधेश प्रसाद पर भरोसा जताया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Why BJP lost in Ayodhya। 22 जनवरी के दिन अयोध्या में जब रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो रही थी तो अयोध्या में नारे लग रहे थे कि 'जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे।' अयोध्या के लोगों का मतलब साफ था कि अयोध्यावासी मोदी सरकार के कामकाज से खुश हैं। राम मंदिर निर्माण की वजह से अयोध्या में जश्न का माहौल था।
भाजपा पूरी तरह से कॉन्फिडेंट थी कि राम मंदिर की वजह से पार्टी को लोकसभा चुनाव में फायदा मिलेगा। चुनावी प्रचार के दौरान देशभर में पीएम मोदी से लेकर तमाम भाजपा नेताओं ने राम मंदिर का जिक्र करते हुए वोट भी मांगे।
भाजपा ने तीसरी बार फैजाबाद-अयोध्या लोकसभा सीट से लल्लू सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया। पार्टी को पूरी उम्मीद थी कि लल्लू सिंह इस लोकसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाएंगे। हालांकि, अयोध्या के चुनावी रिजल्ट ने पूरे देश को चौंका कर रख दिया। अयोध्या के लोगों ने भाजपा उम्मीदवार की जगह समाजवादी पार्टी नेता अवधेश प्रसाद पर भरोसा जताया। अवधेश प्रसाद ने लल्लू सिंह को 54,567 वोटों से मात दे दी।
(लल्लू सिंह की फाइल फोटो)
इस चौंकाने वाले रिजल्ट के पीछे कुछ महत्वपूर्ण वजहें। आइए जरा जान लें कि कौन-कौन से कारण हैं-
- लल्लू सिंह के खिलाफ अयोध्या क्षेत्र के लोगों में एंटी इन्कंबैंसी थी। अयोध्यावासियों में सांसद के कामकाज को लेकर नाराजगी थी।
- राम मंदिर के निर्माण की वजह से मंदिर परिसर के आसपास सड़कों को चौड़ा करने और बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए सरकार ने कई लोगों को दुकानों और घरों को तोड़े, जिसकी वजह से लोगों में नाराजगी थी।
- लल्लू सिंह अपनी जीत को लेकर ओवर कॉन्फिडेंस थे। चुनाव प्रचार के दौरान लोगों तक उनका संदेश सही ढंग से नहीं पहुंच सका।
- सांसद लल्लू सिंह पर अयोध्या क्षेत्र में जमीन खरीद कर उसे ऊंचे दामों में बेचने का आरोप भी लगा। विपक्षी नेताओं द्वारा अयोध्या में जमीन के खरीद-बिक्री का मुद्दा भी जोरों-शोरों से उठाया गया था।
- लोकसभा चुनाव के दौरान लल्लू सिंह का एक वीडियो काफी वायरल हो गया था, जिसमें वो कह रहे थे कि संविधान में संशोधन करने के लिए 272 सीटों के बहुमत वाली सरकार को भी संघर्ष करना होगा, इसलिए दो-तिहाई से अधिक बहुमत की आवश्यकता है।" राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह विवादास्पद टिप्पणी भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ चली गई।
- समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा,"मैं अयोध्या के लोगों का धन्यवाद देता हूं। आपने समय-समय पर अयोध्या का दर्द देखा होगा। उन्हें उनकी जमीन के लिए उचित मुआवजा नहीं दिया गया, आपने उन पर झूठे मुकदमे लगाकर जबरन उनकी जमीन छीन ली। इसलिए, मुझे लगता है कि अयोध्या और आस-पास के इलाकों के लोगों ने बीजेपी के खिलाफ वोट दिया।"
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