Move to Jagran APP

राजद की कमान के लिए तेजस्‍वी और तेज में से कौन सबसे दमदार, यहां है जानकार की राय

लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के खिलाफ चार्जशीट दायर होते ही लालू परिवार के सामने वारिस का सवाल फिर खड़ा हो गया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 27 Aug 2018 04:06 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 09:48 AM (IST)
राजद की कमान के लिए तेजस्‍वी और तेज में से कौन सबसे दमदार, यहां है जानकार की राय
राजद की कमान के लिए तेजस्‍वी और तेज में से कौन सबसे दमदार, यहां है जानकार की राय

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। रेलवे टेंडर घोटाले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के खिलाफ चार्जशीट दायर होते ही लालू परिवार के सामने वारिस का सवाल फिर खड़ा हो गया है। यह सवाल कहीं न कहीं काफी बड़ा है। इसके बड़े होने की दो खास वजह हैं। पहली बड़ी वजह तो लोकसभा चुनाव हैंं तो दूसरी बड़ी वजह पिछले दिनों इसको लेकर उठे विवाद।

loksabha election banner

तेजस्‍वी पर चार्जशीट
आपको यह भी बता दें कि जिस मामले में तेजस्‍वी पर चार्जशीट दायर हुई है, उसके आखिरी दौर में पहुंचने की प्रक्रिया लंबी चलेगी। लेकिन जिन धाराओं में तेजस्वी पर सीबीआइ के बाद ईडी ने भी चार्जशीट पेश की है, उससे मामले के प्रभाव का अंदाजा तो लगाया ही जा सकता है। राजद के मुख्यमंत्री प्रत्याशी तेजस्वी को अगर सजा हो जाती है तो सवाल उठना लाजिमी है कि पार्टी की कमान किसके हाथों में होगी? 

पार्टी का केंद्र में दखल 
राजद बिहार की एक बड़ी पार्टी है और उसका दखल केंद्र की राजनीति में भी रहा है, इसलिए भी यह सवाल काफी बड़ा हो जाता है कि पार्टी की कमान अब किसके हाथों में होगी। इस सवाल के जवाब को इसलिए भी तलाशा जाना काफी जरूरी है, क्‍योंकि लालू यादव का राजनीतिक करियर अब लगभग खत्‍म हो चुका है। वहीं राबड़ी देवी की यदि बात करें तो राजनीतिक क्षमता की उनमें हमेशा से कमी रही है। ऐसे में तेजस्‍वी और तेज प्रताप के अलावा किसी और की बात करना कहीं न कहीं बेमानी हो जाता है।

किसकी कितनी क्षमता
इन सभी मुद्दों पर दैनिक जागरण से बात करते हुए राजनीतिक विश्‍लेषक शिवाजी सरकार का सीधेतौर पर कहना हैै कि पार्टी को आगे ले जाने की क्षमता जो तेजस्‍वी में है, वो तेज प्रताप में दिखाई नहीं देती। यूं भी तेजस्‍वी पूर्व में राज्‍य के डिप्‍टी सीएम रह चुके हैं। पार्टी में भविष्‍य में टूट को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उनका कहना था कि यदि पार्टी में किसी तरह की टूट होती भी है तो तेजस्‍वी का ही पलड़ा भारी है। इसकी वजह यह है कि वह राजनीति में ज्‍यादा सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

पार्टी का नुकसान कर सकते हैं तेज प्रताप
हालांकि इसके बाद भी तेज प्रताप इस स्थिति में जरूर हैं कि वह पार्टी को कुछ नुकसान जरूर पहुंचा सकते हैं। लेकिन यदि बात की जाए कि वह पार्टी तोड़कर अपनी नई पार्टी बना लेंगे तो इसकी संभावना काफी कम ही है और यदि ऐसा होता भी है तो यह सफल प्रयोग नहींं होगा। शिवाजी की मानें तो ऐसा करने पर तेज प्रताप न तो भाजपा खेमे से मिल सकते हैं और न ही कांग्रेस में जा सकते हैं। लिहाजा उनकी समस्‍या काफी बड़ी है।

लोकसभा से पहले विवाद देगा नुकसान
इन सभी के बीच शिवाजी का ये भी कहना है कि पार्टी में टूट की नौबत आने से पहले लालू और राबड़ी का दबाव कहीं न कहीं जरूर काम आएगा। मुमकिन है कि वह इस विवाद को अंदर ही दबा दें और इससे संबंधित जानकारी बाहर न ही आएं। उनके मुताबिक, यदि पार्टी के अंदर इस तरह का कोई विवाद उपजा तो यह पार्टी को काफी नुकसान पहुंचाएगा। इसकी वजह ये है कि लोकसभा चुनाव में वक्‍त कम रह गया है और पार्टियां इसके लिए जुट चुकी हैं। ऐसे में इस तरह का कोई भी विवाद पार्टी की छवि खराब करने के साथ नुकसान भी जरूर करेगा।

अन्‍य दावेदार  
आपको यहां पर ये भी बता दें कि लालू की बेटी मीसा भारती राज्यसभा की सदस्‍य हैं और जांच एजेंसियों के दायरे में हैं। इसके अलावा लालू-राबड़ी की अन्य छह बेटियों को शादी के बाद बिहार की राजनीति से ज्यादा वास्ता नहीं रह गया है। वहीं तेजस्वी अभी अविवाहित हैं। ऐसे में चर्चाओं का फोकस और पार्टी का दरोमदार तेजप्रताप और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय पर टिक जाता है। ऐश्वर्या चर्चित राजनीतिक घराने एवं पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पौत्री हैं। सारण लोकसभा क्षेत्र से ऐश्वर्या के चुनाव लड़ने की चर्चा भी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.