कौन हैं डा.सत्यनारायण जटिया, जिन्हें भाजपा संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का बनाया गया सदस्य
भाजपा ने बुधवार को संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन कर दिया। इसमें 6 नए सदस्यों को शामिल किया गया है। इसमें मध्य प्रदेश से डा.सत्यनारायण जटिया को सदस्य बनाकर उनका कद बढ़ाया गया है। उनको केंद्रीय चुनाव समिति में भी शामिल किया गया है।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। भाजपा ने बुधवार को संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन कर दिया। इसमें 6 नए सदस्यों को शामिल किया गया है। इसमें मध्य प्रदेश से डा.सत्यनारायण जटिया को सदस्य बनाकर उनका कद बढ़ाया गया है। उनको केंद्रीय चुनाव समिति में भी शामिल किया गया है। वे एससी वर्ग से आते हैं और उज्जैन लोकसभा क्षेत्र से 1980 से 2009 के बीच सात बार सांसद रह चुके हैं।
वे राज्यसभा सदस्य भी रहे हैं। 11 सदस्यीय बोर्ड में किसी मुख्यमंत्री को सम्मिलित नहीं किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वर्ष 2013 से इसके सदस्य थे। उनके अलावा मध्य प्रदेश से थावरचंद गहलोत भी सदस्य थे। उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाए जाने के बाद जो स्थान रिक्त था, उसकी पूर्ति डा.जटिया को सदस्य बनाकर की गई है।
उन्होंने मध्य प्रदेश के विक्रम विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है। उन्होंने 1972 में राजनीति में प्रवेश किया था। उन्हें 1975 में मीसा के अंर्तगत हिरासत में रखा गया था। 1977 में पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा था और जीत का स्वाद चखा था। डा. जटिया को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया था। उन्होंने श्रम और सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण जैसे विभाग का कार्यभार संभाला है।
2014 में पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव न लड़ाकर राज्यसभा भेजा। उन्हें संगठन में काम करने का भी लंबा अनुभव है। वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनके सभी वरिष्ठ नेताओं से मधुर संबंध हैं। मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। डा.जटिया का कद बढ़ाकर पार्टी ने एससी वर्ग के लिए बड़ा संदेश दिया है। इससे पहले भी पूर्व मंत्री लालसिंह आर्य को पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था।
पिछले दिनों डा.सत्यनारायण जटिया अपनी बहू, बेटे राजकुमार और छह माह की पोती रुद्राक्षी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलने गए थे। उन्की फोटो वायरल हुई थी। राजनेता के अलावा वह कवि भी हैं। उनका कविता संग्रह 1995 में अलख के नाम से प्रकाशित हुआ था।